
इनदिनों किसान एमएसपी के तहत सूरजमुखी के बीज खरीदने के लिए भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर पूरा दबाव बना रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार से 6400 रुपये प्रति क्विंटल पर फसल खरीदने की मांग की है. दरअसल आयातित कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से हरियाणा में किसान राजनीति उबाल पर है. चूंकि खुले घरेलू बाजार में सूरजमुखी के बीज की औसत कीमत 2022 में 6493 प्रति क्विंटल से गिरकर 2023 में 4800 प्रति क्विंटल हो गई है. इसलिए किसानों ने सूरजमुखी की फसल को एमएसपी के तहत लाने की मांग बढ़ा दी है. सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि खुले बाजार में कीमतें लाभकारी नहीं है. इस साल प्रति क्विंटल औसत कीमत 4800 रुपये है.
वहीं, राज्य सरकार के अधिकारियों ने सूरजमुखी के बीज के एमएसपी के तहत खरीदने से इनकार कर दिया है. नतीजतन किसान कुरुक्षेत्र के पास NH44 सड़क पर आ गए हैं, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है.
सूरजमुखी के बीज की कीमतों को लेकर किसान यूनियन द्वारा किए गए प्रदर्शन पर राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. अभीतक राज्य पुलिस ने दंगा और गैरकानूनी गतिविधियों के आरोप में 30 से अधिक किसान यूनियन नेताओं को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को किसान संघ के नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि वे राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने किसानों को इन तत्वों के बहकावे में नहीं आने की भी चेतावनी दी.
इसे भी पढ़ें- Kisan Andolan: एमएसपी को लेकर किसानों ने NH किया जाम, पढ़ें आंदोलन से जुड़ी बड़ी बातें
राजनीतिक नुकसान के डर से, खट्टर सरकार ने फौरन किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल की अंतरिम राहत देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने 8528 सूरजमुखी बीज उत्पादकों को अंतरिम राहत के रूप में 29.13 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. 1000 रुपये प्रति क्विंटल जोड़ने पर अब 5800 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा, लेकिन किसान संघ चाहते हैं कि कीमत 6400 रुपये मिले, वह भी एमएसपी के तहत.
इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूरजमुखी के बीज की तेल मिल खोलने की भी घोषणा की है, जो प्रति वर्ष 20 हजार मीट्रिक टन सूरजमुखी तेल का उत्पादन करेगी. इंडिया टुडे से बात करते हुए हरियाणा बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण अत्री ने कहा कि अंतरिम राहत राशि अस्थायी है और आवश्यकता के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है. जहां तक मुआवजे की बात है तो यह हरियाणा में सबसे ज्यादा है. राज्य सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए भावांतर भरपाई योजना भी शुरू की है. यह बहुत दुख की बात है कि हरियाणा जैसे राज्य में लोग राजनीति कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता केवल ढींगरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने सूरजमुखी के बीज का एमएसपी 6400 रुपये तय किया था जिसे हरियाणा सरकार ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि केवल घोषणा करने और एमएसपी का भुगतान करने से यह मतलब नहीं है कि किसान लाभ कमाएंगे.
इसे भी पढ़ें- Explained: आखिर होती क्या है MSP जिसे लेकर किसान कर रहे हैं मांग, पढ़ें पूरी डिटेल
केवल ढींगरा कहा, "बीजेपी को जब भी चुनावी वादों की याद दिलाई जाती है तो वह यू-टर्न ले लेती है. उन्होंने एमएसपी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा किया था लेकिन यह झूठा वादा साबित हुआ. सड़कों पर बैठने के अलावा क्या रास्ता बचा है."
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today