इस वित्‍त वर्ष सात महीनों में 7 प्रतिशत तक गिरा खली का निर्यात, इस वजह से आई गिरावट

इस वित्‍त वर्ष सात महीनों में 7 प्रतिशत तक गिरा खली का निर्यात, इस वजह से आई गिरावट

भारत खली के अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में निर्यातकों में प्रमुख ख‍िलाड़ी रहा है, लेकिन इस वित्‍त वर्ष में खली के निर्यात में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह मुख्‍य तौर पर सरसों की खली और अरंडी की खली के कारण हुई है. यह आंकड़ा इस साल अप्रैल से अक्‍टूबर के बीच का है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने इसके पीछे की वजह भी बताई है.

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इस वित्‍त वर्ष सात महीनों में 7 प्रतिशत तक गिरा खली का निर्यात, इस वजह से आई गिरावटखली के निर्यात में गिरावट. (सांकेतिक तस्‍वीर)

भारत में बड़े पैमाने पर तिलहन फसलों की खेती की जाती है. ऐसे में यहां इनसे तेल बनाने की प्रक्रिया में मिलने वाली खली का भी बड़े पैमाने पर उत्‍पादन होता है, जिसे विदेशों में निर्यात किया जाता है. लेकिन, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के पहले सात महीनों में भारत के खली निर्यात में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट सरसों और अरंडी की खली के एक्‍सपोर्ट में कमी के कारण हुई है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक, भारत ने इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 23.88 लाख टन खली का निर्यात किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस अवधि के दौरान 25.66 लाख टन निर्यात हुआ था. यानी इस साल खली के निर्यात में 7 प्रतिशत की गिरावट हुई है.

लंबे समय से खली निर्यात में भारत शीर्ष पर

'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक SEA के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पशु आहार के तौर पर सरसों की खली का प्रमुख निर्यातक रहा है. वित्‍त वर्ष  2023-24 अप्रैल-मार्च में भारत ने लगभग 22.13 लाख टन सरसों की खली का निर्यात किया था. खली की बिक्री से किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत प्राप्‍त करने में मदद मिलती है. बीवी मेहता ने इस साल सरसों खली के निर्यात में कमी के प‍ीछे चुनौति‍यों का जिक्र करते हुए कहा कि अप्रैल से अक्टूबर के बीच सरसों खली के निर्यात में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.

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सोयाबीन खली के निर्यात में वृद्धि

पिछले वित्‍त वर्ष में इस अवधि के दौरान 15.13 लाख टन निर्यात किया था, जो इस साल घटकर 11.76 लाख टन पर आ गया. उन्‍होंने इस गिरावट के पीछे भारत की ओर तय किए गए ऊंचे दामों को जिम्‍मेदार ठहराया. वहीं, इस वित्‍त वर्ष के पहले सात महीनों में सोयाबीन खली का एक्‍सपोर्ट 10.24 लाख टन दर्ज किया गया है, जो कि पिछली बार इस अवधि के दौरान 6.74 लाख टन था. यह वृद्धि यूएई, ईरान और फ्रांस में एक्‍सपोर्ट के चलते दर्ज की गई.  

भारत से खली आयात करने वाले प्रमुख देश

भारत से इन देशों ने वित्‍त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान खली आयात की है.

  • दक्षिण कोरिया ने भारत से 4.33 लाख टन खली आयात की. इसमें से 3.07 लाख टन सरसों खली आयात की गई.
  • वियतनाम ने 1.53 लाख टन खली आयात की. इसमें 1.31 लाख टन सरसों खली शामिल है.
  • थाईलैंड ने 2.55 लाख टन खली आयात की. इसमें 2.50 लाख टन सरसों खली शामिल है.
  • बांग्लादेश ने 4.28 लाख टन खली आयात की. इसमें 3.82 लाख टन सरसों खली शामिल है. 
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