‘संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे’ नेशनल ऐग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) की इस लाइन को तो सभी पहचानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में मुर्गी का सबसे सस्ता और महंगा अंडा कहां बिकता है. वो कौनसा देश है जहां 12 अंडों के दाम सैंकड़ों रुपये में है. वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं जहां 12 अंडों के रेट 100 रुपये से भी कम हैं. गौरतलब रहे अंडों को सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा प्रोटीन देने वाला नाश्ता माना जाता है. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष और एक्सपर्ट रिकी लूथरा का कहना है कि डायटिशियन और डॉक्टर के मुताबिक हर एक इंसान को कम से कम दो अंडे रोजाना खाने चाहिए.
कम से कम और आसान डाइट में अंडे से ज्यादा प्रोटीन किसी और चीज में नहीं मिल सकता है. चलते-फिरते, मेट्रो ट्रेन में या बस में बैठकर आराम से खाए जाने वाला अंडा ही है. मेट्रो सिटी की तेज रफ्तार जिंदगी में सबसे आसानी से मिलने और बनने वाला नाश्ता भी अंडा ही है. अंडे की खपत बढ़ने से जहां लोगों की हैल्थ बनेगी वहीं पोल्ट्री कारोबार भी देश की अर्थव्यवस्था में और ज्यादा योगदान देगा.
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एनईसीसी के आंकड़ों की मानें तो मुर्गी का सबसे सस्ता अंडा भारत में बिकता है. भारत में रिटेल बाजार में 12 अंडों के दाम 79 रुपये हैं. ये दुनियाभर का सबसे सस्ता अंडा है. और अगर महंगे अंडे की बात करें तो 560 रुपये के 12 अंडे स्विजरलैंड में बिक रहे हैं. भारत में जहां 6.50 रुपये का एक अंडा बिक रहा है तो वहीं स्विजरलैंड में करीब 47 रुपये का एक अंडा बिक रहा है. भारत के बाद रशिया में 84 रुपये के 12, पाकिस्तान में 90, ईरान में 95 रुपये के 12 अंडे बिक रहे हैं. चीन में 12 अंडों का दाम 149 रुपये हैं. जबकि न्यूजीलैंड में 456, यूएसए और डेनमार्क में 359 रुपये के 12 अंडे बिक रहे हैं.
केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2021-22 रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में करीब 750 करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. इसमे से अकेले करीब 65 फीसद अंडों का उत्पादन सिर्फ पांच राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में ही हुआ था. रिपोर्ट की मानें तो आंध्रा प्रदेश में 20.41 फीसद अंडे, तमिलनाडू में 16.08 फीसद, तेलंगाना में 12.86 फीसद, पश्चि म बंगाल में 8.84 फीसद और कर्नाटक में 6.38 फीसद अंडों का उत्पादन हुआ था. जबकि देश में अंडों का कुल उत्पादन 129.60 बिलियन का था.
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पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा ने बताया, “देश में रोज़ाना 22 से 25 करोड़ अंडों का कारोबार होता है. 30 करोड़ मुर्गियों में से कुछ तो लगातार अंडे दे रही होती हैं, कुछ देने के लिए तैयार हो रही होती हैं और कुछ ऐसी भी होती हैं जो उम्र पूरी कर रही होती हैं और अंडा देना कम कर देती हैं. तीन दिन के अंडों से बाज़ार का रूटीन घूमता है. सही मायने में अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या 26 करोड़ होती है. यही मुर्गियां देश में अंडे की डिमांड को पूरा करती हैं. अंडा देने वाली एक तैयार मुर्गी की कीमत 400 से 500 रुपये तक होती है.”
मंत्रालय की साल 2021-22 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगातार हमारे खाने में अंडों की संख्या बढ़ रही है. साल 1950-51 में हर साल प्रति व्यक्ति के हिस्सें में 5 अंडे आते थे. लेकिन आज यानि 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 95 हो गई है. हालांकि पोल्ट्री सेक्टर की कोशिश है कि यह संख्या बढ़कर 180 हो जाए. इसके लिए पोल्ट्री संचालकों की संस्था एनईसीसी भी लगातार अभियान चला रही है.
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