मैक्रो एनवायरनमेंट गन्ने की एफआरपी में हुई बढ़ोतरी को दिखा सकता है रास्ता, किसानों को मिल सकती है मदद

मैक्रो एनवायरनमेंट गन्ने की एफआरपी में हुई बढ़ोतरी को दिखा सकता है रास्ता, किसानों को मिल सकती है मदद

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. एफआरपी में वृद्धि से आमतौर पर इथेनॉल की कीमतें बढ़ जाती हैं और संभावित रूप से चीनी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ जाता है.

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मैक्रो एनवायरनमेंट गन्ने की एफआरपी में हुई बढ़ोतरी को दिखा सकता है रास्ता, किसानों को मिल सकती है मदद एफआरपी बढ़ने से 5 करोड़ गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

चीनी सीजन 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के ल‍िए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 315 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल होगा. गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने यह फैसला ल‍िया है. यह दाम 10.25 प्रतिशत की चीनी रिकवरी के लिए होगी. सरकार ने कहा है क‍ि 10.25 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.07 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम प्रदान क‍िया जाएगा. जबक‍ि रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए एफआरपी में 3.07 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी. कृष‍ि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने दाम बढ़ाने की स‍िफार‍िश की थी.  

एफआरपी बढ़ने से 5 करोड़ गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

केंद्र की मोदी सरकार ने देश के गन्ना किसानों के लिए आज एक तोहफे का ऐलान करते हुए गन्ने की एफआरपी बढ़ाने का फैसला किया है. 2023-24 सीजन के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य ₹10 प्रति क्विंटल को बढ़ाकर ₹315 प्रति कुंटल कर दिया गया है. यह अब तक के गन्ना खरीदने की सर्वाधिक कीमत है. एफआरपी से  देश के गन्ना किसानों को उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा बल्कि चीनी मिलों में कार्यरत श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा. इस निर्णय से देश के 5 करोड़ गन्ना किसानों और चीनी मिलों में काम करने वाले लाखों की संख्या में श्रमिकों को लाभ होगा.

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गन्ने की एफआरपी में हुई वृद्धि 

आपको बता दें भारत सरकार द्वारा गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 10 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की हालिया घोषणा से लागत में कुछ वृद्धि होने की उम्मीद है. हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. एफआरपी में वृद्धि से आमतौर पर इथेनॉल की कीमतें बढ़ जाती हैं और संभावित रूप से चीनी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ जाता है. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2023-24 सीज़न के लिए एफआरपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी, जिससे इसे 10.25% की मूल रिकवरी दर के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिया गया.

उद्योग का अनुमान है कि एफआरपी में इस वृद्धि से चीनी उत्पादन की लागत में चार प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. सरकार ऊंची लागत की भरपाई के लिए अतिरिक्त उत्पादन को निर्यात करने की भी घोषणा कर सकती है. इसके अतिरिक्त, सरकार चीनी का एमएसपी बढ़ा रही है, हालांकि उसने हाल के वर्षों में एफआरपी में बढ़ोतरी के साथ तालमेल नहीं रखा है. कुल मिलाकर, सरकार के सहायक मैक्रो वातावरण ने मिलों के लिए राजस्व और किसानों के लिए भुगतान सुनिश्चित करने में मदद की है. 

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