बिहार में टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए एक खुशखबरी है. बिहार के खेतों में उपजे टमाटर को किसानों को अब दूसरे प्रदेशों में नहीं भेजना पड़ेगा. क्योंकि अब किसानों की उपज राज्य में ही खपत हो जाएगी. दरअसल अब बिहार में उपजने वाले टमाटरों को हिंदुस्तान यूनिलीवर खरीदारी कर उससे केचप बनाएगा. उस केचप की सप्लाई बिहार सहित देश के कई अन्य राज्यों में भी होगी. इसको लेकर सहकारिता विभाग और कंपनी के बीच करार हो चुका है.
अब अगले सीजन में कंपनी की ओर से टमाटर की खरीदारी की जाएगी. वैशाली के लालगंज में लग रही टोमेटो केचप फैक्ट्री में इसकी आपूर्ति होगी. लालगंज में कंपनी की ओर से टोमेटो सॉस से लेकर टमाटर के अलग-अलग उत्पाद तैयार किए जायेंगे. वहीं इस कंपनी में बड़े पैमाने पर टमाटर की भारी डिमांड होगी.
सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार सब्जी के उत्पादन में चौथे स्थान पर है. यहां के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर सब्जी उत्पादन की ओर तेजी से अग्रसर है. दरअसल बिहार में लगभग 18 मिलियन टन सब्जी की खेती हो रही है. वहीं बात करें पहले दूसरे और तीसरे स्थान वाले राज्यों कि तो उसमें पहले पर उत्तर प्रदेश, दूसरे पर पश्चिम बंगाल और तीसरे पर मश्य प्रदेश शामिल है. वहीं विभाग के रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लगभग 30 से 40 फीसदी सब्जियां खराब हो जाती है. उन सब्जियों में जल्दी खराब होने वाला टमाटर भी शामिल है. वहीं अब बिहार में ही टमाटर की खपत होने से किसानों को कम नुकसान होगा. साथ ही किसानों को बेहतर मुनाफा भी होगा.
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बिहार में गंगा नदी के मैदानी भाग में उपजाई जाने वाली सब्जियों की बाजारों में खूब डिमांड है. राज्य के अलावा यहां उगाई जाने वाली सब्जियों के डिमांड अन्य प्रदेशों में भी है. इसी को देखते हुए सरकार सब्जियां जल्दी खराब न हो और समय-समय पर अन्य राज्यों में पहुंचता रहे इसके लिए छोटे-छोटे गोदामों का निर्माण करवा रही है.
बिहार अब निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है. अब बिहार में निवेश करने के लिए बड़े-बड़े उद्योगपति अपनी इच्छा जता रहे हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि हाल के दिनों में देश के कई उद्योगपति अब बिहार को उत्पादक राज्य बनाने कि दिशा में लगातार निवेश कर रहे हैं. इसी साल बिहार के बेगूसराय में पेप्सी ने अपना प्लांट चालू किया है.
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