किसान अब बरसात में भी कर सकेंगे प्याज की खेती, केवीके उपलब्ध कराएगा अच्छा बीज

किसान अब बरसात में भी कर सकेंगे प्याज की खेती, केवीके उपलब्ध कराएगा अच्छा बीज

बिहार के बेगूसराय जिले के किसान बरसात में भी प्याज की खेती कर सकेंगे. इसे लेकर वहां के जिले के कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के द्वारा बीज तैयार किया जा रहा है. इस नए तरीके के तैयार बीज से पहली बार खरीफ के सीजन में प्याज की खेती को सफल बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने बीज का उत्पादन शुरू किया है.

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किसान अब बरसात में भी कर सकेंगे प्याज की खेती, केवीके उपलब्ध कराएगा अच्छा बीजकिसान अब बरसात में भी कर सकेंगे प्याज की खेती, फोटो साभार: freepik

किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि मंत्रालय के सहयोग से कई संस्थाएं उन्नत तकनीक पर काम रही हैं. इसी कड़ी में अब बिहार के बेगूसराय जिले के किसान बरसात में भी प्याज की खेती कर सकेंगे. दरअसल, कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के द्वारा  बीज तैयार किया जा रहा है. इस नए तरीके के तैयार बीज से पहली बार खरीफ के सीजन में प्याज की खेती को सफल बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने बीज का उत्पादन शुरू किया है. हालांकि, किसानों के इस मौसम में प्याज की खेती को लेकर दिलचस्पी न दिखाने के कारण पहली बार कम ही बीज का उत्पादन किया जा रहा है.

फिलहाल बेगूसराय के कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2023 में खरीफ सीजन में प्याज उत्पादन को लेकर किसी प्रकार का कोई लक्ष्य निर्धारित करने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा शुरू की गई इस पहल को अगर सफलता मिलती है तो न सिर्फ इस नए तरीके के बीज से किसान बरसात के मौसम में भी प्याज की खेती कर सकेंगे, बल्कि बेमौसमी सीजन में अच्छे उपज से प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश भी लगेगा.

सस्ते दाम पर मिलेगा बीज

वैसे तो प्याज की खेती अक्टूबर के महीने में की जाती है और किसान मार्च तक फसल को तैयार भी कर लेते हैं. पर यह पहली बार होगा कि खरीफ सीजन में प्याज की खेती की ओर किसानों का ध्यान आकर्षित करने के लिए खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा बीजों का उत्पादन किया जा रहा है. यह बीज किसानों को सस्ते दामों पर दिया जाएगा. वहीं इसे लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने बताया कि अगर किसान चाहेंगे तो उन्हें भी बीज के उत्पादन की तकनीक का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र में दिया जाएगा. किसान इसका डेमो कृषि विज्ञान केंद्र में आकर देख सकते हैं.

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धान के समय कर सकतें है प्याज की खेती

कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने कहा कि, जिस तरह किसान धान की खेती बरसात में करते हैं, वैसे ही किसान प्याज की भी खेती कर सकते हैं. वहीं किसान अगर जुलाई के महीने में प्याज की खेती करते हैं तो बरसात खत्म होते ही यह प्याज तैयार हो जाएगा. जिससे प्याज की बढ़ती कीमत से लोगों को राहत मिलेगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. किसानों द्वारा उपजाई गई इस प्याज को 20 से 25 रुपये किलों में आसानी से बेचा जा सकता है.  

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