केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा, दिल्ली में कन्या छात्रावास “फाल्गुनी” और कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल (एएसआरबी) के “चयन भवन” का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र और किसानों के विकास के लिए संकल्प लेकर काम कर रही है. राज्य सरकारों के माध्यम से भी कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों को बढ़ाने का काम हो रहा है. देश को आगे बढ़ाने में किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि हमारे किसान आत्मनिर्भर और सशक्त बनें. वो इतने समर्थ हों कि देश के साथ ही दुनिया के बाजारों में भी कृषि उपज की आपूर्ति कर सकें. इसमें बहुत हद तक सफलता भी मिली है. कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से काम किया जा रहा है.
मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हमारे किसान कहीं भी पीछे नहीं रहने चाहिए, इसके लिए खेती को आधुनिक प्रौद्योगिकियों से भी जोड़ा जा रहा है. सेटेलाइट की मदद से भी कृषि क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रधानमंत्री प्रोत्साहित कर रहे हैं. किसानों को आय सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा "प्रधानमंत्री किसान सम्मान" (पीएम किसान) योजना सहित कई स्कीमें चलाई जा रही हैं. साथ ही 2047 तक देश को विकसित बनाने के संकल्प के साथ काम हो रहा है.
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कृषि मंत्री मुंडा ने समारोह में उपस्थित झारखंड के आदिवासी किसानों का आह्वान किया कि उन्होंने यहां जिन उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण प्राप्त किया और क्षेत्र भ्रमण के दौरान जो श्रेष्ठ पद्धतियां सीखी-समझीं, उन्हें सूदरवर्ती क्षेत्रों तक आगे बढ़ाने में योगदान दें. मुंडा ने कहा कि पूसा में दुर्लभ बीजों व पौधों के संरक्षण का काम भी किया जा रहा है. साथ ही, यहां पर गुणवत्ता व पौष्टिकता पर ध्यान देते हुए तेजी से शोध कार्य किया जा रहा है. इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा.
पूसा के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि “फाल्गुनी” छात्रावास में 500 कमरे हैं. इसमें फूड कोर्ट, सौर ऊर्जा प्रणाली, वर्षा जल संचयन प्रणाली, जनेरेटर आधारित पॉवर बैकअप, वाई-फाई नेटवर्क, आरओ, अग्निशमन व्यवस्था, पार्किंग और लिफ्ट जैसी सभी जरूरी सुविधाएं हैं, जिनसे यहां पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छात्राओं का आकर्षण बढ़ेगा. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, कैलाश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, एएसआरबी के चेयरमैन डॉ. संजय कुमार और आईएआईआर के निदेशक डॉ. एके सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे.
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