प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं. इस दौरे पर उन्होंने अहमदाबाद में हो रहे अमूल के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लिया है. इस समारोह के लिए किसान नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इकट्ठा हुए हैं. साथ ही 18,600 गांवों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया है. इस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में कई ब्रांड बने, लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं. अमूल का मतलब है विश्वास, विकास, जनभागीदारी और किसानों का सशक्तिकरण. अमूल का मतलब बड़े सपने हैं, संकल्प हैं और उससे भी बड़ी उपलब्धियां हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा गुजरात के गांवों ने मिलकर 50 साल पहले जो पौधा लगाया था वो आज विशाल वटवृक्ष बन चुका है. यह वटवृक्ष विश्व के अनेक देशों मे फैल चुका है. आप सभी को अमूल की 50वीं सालगिरह की शुभकामनाएं. मोदी ने कहा इस यात्रा को सफल बनाने में पशुधन का बहुत बड़ा योगदान रहा है. इसलिए पशुधन को सन्मानित करते हुए मैं आदर व्यक्त करता हूं. आज अमूल के उत्पाद दुनिया के 50 से अधिक देशों में निर्यात किये जाते हैं. 36 लाख किसानों का नेटवर्क है और 3.5 करोड़ लीटर से ज्यादा दूध इकट्ठा होता है.
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ऐसे में रोजाना किसानों को 200 करोड़ का भुगतान आसान बात नहीं है. अमूल इस बात का उदाहरण है कि आने वाली पीढ़ियों को कैसे बदला जाए. आज हम दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश हैं, 8 करोड़ लोग सीधे तौर पर डेयरी सेक्टर से जुड़े हैं. पिछले 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 60% की वृद्धि हुई है.
दुनिया में डेयरी सेक्टर सिर्फ 2% की दर से बढ़ रहा है जबकि भारत में यह 6% की दर से बढ़ रहा है. 10 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले भारत में डेयरी सेक्टर की प्रमुख खिलाड़ी हमारी माताएं-बहनें हैं. 70 फीसदी महिलाएं डेयरी सेक्टर में काम करती हैं. अमूल की सफलता नारी शक्ति की देन है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की असली रीढ़ महिला शक्ति है. अमूल आज सफलता की जिस ऊंचाई पर है, वह नारी शक्ति के कारण ही है. आज जब भारत महिला नेतृत्व के विकास के साथ आगे बढ़ रहा है, तो भारत के डेयरी सेक्टर की ये सफलता उसके लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.
पीएम मोदी ने गांधी जी को याद करते हुए कहा गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त होना जरूरी है. पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं. हम गांव के हर पहलू को प्राथमिकता देते हुए काम को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारा फोकस है छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो. पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े. पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो. गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए.
हमने पहली बार पशुपालकों और मछलीपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की है. हमने किसानों को ऐसे आधुनिक बीज दिए हैं जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सकते हैं. भाजपा सरकार राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसे अभियानों के माध्यम से दुधारू पशुओं की नस्ल में सुधार के लिए भी काम कर रही है. (बृजेश दोषी की रिपोर्ट)
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