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अल नीनो से घटेगी दालों की पैदावार! व्यापारियों ने कहा- पीली मटर के आयात की मंजूरी दे सरकार 

अल नीनो से घटेगी दालों की पैदावार! व्यापारियों ने कहा- पीली मटर के आयात की मंजूरी दे सरकार 

पीली मटर के आयात पर फिलहाल देश में प्रतिबंध है. वहीं, ट्रेड बॉडी इंडिया पल्स एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) ने बुधवार को सरकार से देश में दालों की उपलब्धता और सप्लाई पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में पीली मटर के आयात की अनुमति देने का आग्रह किया.

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दलहन व्यापार ने पीली मटर के आयात को अनुमति देने का किया अनुरोध  दलहन व्यापार ने पीली मटर के आयात को अनुमति देने का किया अनुरोध 

देश में इस साल मध्यम अल नीनो के पूर्वानुमान के बीच कम बारिश होने की आशंका है. वहीं देश के चना किसानों को आयातित दलहन की मार से बचाने के लिए सरकार ने देश में सबसे ज्यादा आयात होनी पीली मटर के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है. बुधवार को इस सिलसिले में एक बैठक हुई. दरअसल, ट्रेड बॉडी इंडिया पल्स एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) ने बुधवार को सरकार से देश में दालों की उपलब्धता और सप्लाई पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में पीली मटर के आयात की अनुमति देने का आग्रह किया.

बिमल कोठारी, अध्यक्ष, आईपीजीए ने कहा, "अल नीनो के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी करना अच्छा है. हमने सरकार को सलाह दी है कि पीली मटर के आयात की अनुमति इस चेतावनी के साथ दी जाए कि आयात शुल्क का हिसाब एक निश्चित राशि के अधीन होना चाहिए ताकि आयातित पीली मटर की लागत चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक हो." उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से उपभोक्ताओं, किसानों, सरकार, व्यापार और उद्योग के हितों का खयाल रखा जाएगा.

चना और मसूर जैसी रबी दालों की अधिक उपलब्धता

वर्तमान में देश अरहर और उड़द जैसी दालों की कुछ किस्मों की कम सप्लाई का सामना कर रहा है. इसके चलते कीमतें अधिक हैं. हालांकि, चना और मसूर जैसी रबी दालों की सरपल्स उपलब्धता है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चल रही हैं.

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वही पीली मटर फिलहाल प्रतिबंधित श्रेणी में है. अब तक, सरकार पीली मटर के आयात की अनुमति देने से सावधान रही है, क्योंकि देश में इस साल रिकॉर्ड चना फसल का उत्पादन हुआ है. पीली मटर के आयात की अनुमति देने से चना की कीमतों पर और दबाव पड़ने की संभावना है, जो खरीद में वृद्धि के बावजूद अभी भी एमएसपी से नीचे चल रही है.

दालों की औसत कीमतें एमएसपी से कम 

10 मई तक, NAFED ने 9,873 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का 18.5 लाख टन चना और 291 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 48,633 टन मसूर की खरीद की है. मध्य प्रदेश की विभिन्न मंडियों में चने की मॉडल कीमतें अभी भी 4,600-4,800 रुपये के दायरे में चल रही हैं, जो एमएसपी 5,335 रुपये प्रति क्विंटल से कम है. इसी तरह, दालों की औसत कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से नीचे 5,250-5,500 रुपये के दायरे में चल रही हैं.

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दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चना का उत्पादन पिछले साल के 13.54 मिलियन टन से बढ़कर 13.63 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर देखा जा रहा है. मसूर का उत्पादन भी पिछले वर्ष के 12.69 लाख टन की तुलना में 15.99 लाख टन अधिक देखा गया है.