मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा के दक्षिणी तट, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तराखंड, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के कुछ इलाकों और उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश होने की आशंका है. जबकि, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, दक्षिण हरियाणा और पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में हीट वेव चलने की संभावना है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम/Weather Update, किसानों का प्रदर्शन/ Farmer Protest, फसल मुआवजा/Crop Compensation, मंडी समाचार/ Mandi News, पीएम-किसान/PM-Kisan, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY, एमएसपी/MSP पर फसलों की खरीदारी और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
देश में बांधों की भूकंप एवं अन्य आपदाओं से सुरक्षा पर केंद्रित राष्ट्रीय केन्द्र जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में स्थापित किया जाएगा. इस बारे में एमएनआईटी और जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण के बीच सोमवार को यहां एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए. इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस प्रस्तावित केन्द्र को जल शक्ति मंत्रालय से 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी जिससे उसकी स्थापना की जाएगी.
करनाल जिले के गांव खानपुर के रहने वाले पुष्पेंद्र ने कुछ अलग कर कर दिखाया है. मन की इच्छा को पूरी करने के लिए उन्होंने करीब 2 साल पहले पुस्तैनी गांव खानपुर में अपनी जमीन पर देशी कोल्हू से तेल बनाने का कार्य शुरू किया. ताकि लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद की जा सके. इसके लिए उन्होंने किसी आधुनिक मशीन का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि एक देशी कोल्हू लगाया. इस कार्य में उनकी मदद दो देसी बैल हीरा और बादल करते हैं. जो दिन रात कड़ी मेहनत कर सरसों, नारियल, मूंगफली, तिलहन व अलसी से तेल निकालते हैं. बड़ी बात यह है कि जिस काम को आधुनिक मशीन कुछ घंटों में ही पूरा कर देती है. वहीं इस पध्दति में एक क्विंटल अनाज से तेल निकालने के लिए 25 घंटे तक मंथन किया जाता है. पुष्पेंद्र ने बताया कि 2 साल में ही वह अमेरिका समेत कई देशों और राज्यों में कई लोगों को इन तेलों की सप्लाई कर चुके हैं.
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झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इन दिनों अपनी टीम के साथ केरल दौरे पर हैं, जिसके तहत वह कृषि की नई तकनीकों को जानने-समझने और राज्य में लागू करने के लिए केरल के अलग-अलग कृषि संस्थानों में घूम रहे हैं. इसी क्रम में झारंखड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री ने सचिव अबू बकर सिद्दीकी व विभागीय पदाधिकारियों के साथ केंद्रीय मात्स्यकी प्रौद्योगिकी संस्थान (CIFT) कोच्ची ,केरल का दौरा किया, जहां से उन्होंने कृषि, मत्स्य से जुड़ी तकनीकी एवं शैक्षणिक व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल की है. सीआईएफटी ने इस तकनीक को केरल में लागू किया है, जिसे झारखंड में अपनाने पर काम किया जा रहा है. मसलन, अब केरल की तकनीक से झारखंड में नीली क्रांति (मत्स्य पालन) के अवसर तलाशे जा रहे हैं.
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देश में सब्जियों को लेकर खूब शोध हो रहे हैं. वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में भी सब्जियों की नई किस्मों को विकसित करने का काम चल रहा है. इसी कड़ी में अभी तक संस्थान के वैज्ञानिक कई सब्जियों की अलग-अलग और रंगीन किस्मों को विकसित कर चुके हैं, जिसमें नया नाम भिंडी का है. मसलन,अभी तक बाजार में केवल हरी भिंडी ही बिक रही थी, लेकिन सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की मेहनत के बाद अब जल्द ही बाजारों में लाल रंग वाली भिंडी भी दिखाई देगी. भिंडी की इस किस्म को संस्थान के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है, जिसका नाम काशी लालिमा (Kashi Lalima ) दिया गया है, जिसे दिल के लिए बेहतर बताया जा रहा है.
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पीटीआई के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को सलाह दी है कि वे 2,000 रुपये का नोट बदलने या जमा करने आए लोगों को धूप के बचाने के लिए ‘शेड’ का इंतजाम करें. साथ ही कतार में लगे लोगों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की जाए. उल्लेखनीय है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान बैंकों में नोट बदलने के लिए कतारें लगी थीं और आरोप है कि इस दौरान कई ग्राहकों की मृत्यु भी हो गई थी. पिछले शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के बावजूद यह वैध मुद्रा बना रहेगा. 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद ऐसा नहीं था.
प्याज के अच्छे दाम को लेकर किसान कई साल से लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन पिछले दो साल से वो सबसे बुरा दौर देख रहे हैं. क्योंकि उन्हें 1 से लेकर 8 रुपये किलो तक का ही दाम मिल रहा है. जबकि उपभोक्ताओं को यही प्याज 30 रुपये प्रति किलो तक के दाम पर मिल रहा है. यानी प्याज उगाने और खाने वाले परेशान हैं, लेकिन किसानों की यह परेशानी बिचौलियों के लिए कमाई का अच्छा अवसर बन गई है. जब भी महंगाई की चर्चा शुरू होती है तो सरकार एक्सपोर्ट बैन कर देती है, स्टॉक लिमिट तय कर देती है और बहुत प्रेशर हो तो दूसरे देशों से प्याज का इंपोर्ट करने लगती है. लेकिन, अब जब यही प्याज एक रुपये किलो हो गया है तो पूरे सिस्टम में सन्नाटा छा गया है. व्यापारियों और मंडी समिति से जुड़े लोगों से पूछिए तो वो ऐसे तर्क दे रहे हैं कि जैसे प्याज के कम दाम के लिए किसान ही जिम्मेदार हैं.
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राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को लू की स्थिति बनी रहने और अधिकतम तापमान के 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सुबह गर्मी के साथ ही धूप निकली और न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को राजस्थान के किसान संघ के नेताओं के साथ बठिंडा में एक बैठक की, जिसके दौरान उन्हें पंजाब में नहर के पानी की आपूर्ति में प्रदूषण और व्यवधान की घटनाओं से अवगत कराया गया.
मौसम की बेरुखी की मार झेल रहे किसानों के लिए ग्रीन हाऊस में खेती किसी वरदान से कम नहीं है. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान, कड़ाके की धूप और शरीर को झुलसा देने वाली लू के गर्म थपेड़ों से भी ग्रीन हाउस में की गई खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. इसके अलावा इसमें लागत और मेहनत भी कम लगती है. साथ ही साल के बारहों महीने इसमें बेमौसमी सब्जियों की खेती आसानी से हो सकती है. ग्रीन हाउस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी स्थापना बंजर भूमि पर भी की जा सकती है. ऐसे में आइए आज विस्तार से जानते हैं आखिर ग्रीन हाउस खेती क्या है, किसान इसमें खेती करके कैसे ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं-
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मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर पूर्वी भारत और केरल में हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है. जबकि, ओडिशा के दक्षिणी तट, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की आशंका है. वहीं, 22 मई यानी आज तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के कुछ इलाकों और उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश होने की आशंका है. जबकि, आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब के कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती है. इसके अलावा, मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, दक्षिण हरियाणा और पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में हीट वेव चलने की संभावना है. ऐसे मे आइए जानते हैं, अगले 24 घंटों के दौरान देशभर में कैसा रहेगा मौसम-
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मॉनसून 2023 की राह देख रहे देश के किसानों को मानसूनी बारिश का बेसब्री से इंतजार है. हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल भारत की 19 प्रतिशत आबादी को मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश और लगभग 13 प्रतिशत आबादी को सामान्य से अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है. जबकि, ‘साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम’ (SASCOAF) के अनुसार, उत्तर में सामान्य से कम बारिश होने की 52 प्रतिशत आशंका है. देश के मध्य भागों में सामान्य से कम वर्षा की 40 प्रतिशत आशंका है. जबकि, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून के 4 जून को केरल पहुंचने की आशंका है.
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है. जबकि, अगले 5 दिनों के दौरान देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है. इसके अलावा, 22 मई को दक्षिण हरियाणा, उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश और गंगा के किनारे वाले पश्चिम बंगाल में छिटपुट इलाकों में लू चलने की संभावना है.
देश में इन दिनों खाद्य तेलों(Edible oils) के दाम में गिरावट जारी है. बात करें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और वाराणसी की थोक मंडी की तो यहां इन दिनों खाद्य तेल काफी सस्ते बिक रहे हैं. 3 माह पहले जहां ₹140 लीटर बिकने वाला रिफाइंड ऑइल इन दिनों ₹110 लीटर बिक रहा है. खाद्य तेलों में गिरावट ने जहां आम आदमी को राहत पहुंचाई है, वहीं इन दिनों मसालों के दाम में लगातार तेजी बनी हुई है जिससे आम आदमी की किचन का बजट बिगड़ रहा है. बेमौसम बारिश और जलवायु परिवर्तन के चलते हो जीरे की कीमतें ही नहीं बल्कि दूसरे मसालों की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आया है.
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हरियाणा सरकार ने बिजली निगमों के उस सर्कुलर को वापस ले लिया है जिसमें बिजली चोरी का केस में किसानों पर 6 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया था. अगले साल यहां पर विधानसभा चुनाव है. ऐसे में इस सर्कुलर से होने वाले नुकसान को भांपते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद यह एलान किया है. उन्होंने कहा कि बिजली निगमों द्वारा किसानों पर कृषि क्षेत्र में बिजली चोरी पर लगाए जाने वाले जुर्माना सर्कुलर को वापस ले लिया गया है. यह सर्कुलर हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (HERC) द्वारा की गई सिफारिश पर जारी किया गया था, लेकिन सरकार एचईआरसी के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
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