मौसम की बेरुखी की मार झेल रहे किसानों के लिए ग्रीन हाऊस में खेती किसी वरदान से कम नहीं है. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान, कड़ाके की धूप और शरीर को झुलसा देने वाली लू के गर्म थपेड़ों से भी ग्रीन हाउस में की गई खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. इसके अलावा इसमें लागत और मेहनत भी कम लगती है. साथ ही साल के बारहों महीने इसमें बेमौसमी सब्जियों की खेती आसानी से हो सकती है. ग्रीन हाउस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी स्थापना बंजर भूमि पर भी की जा सकती है. ऐसे में आइए आज विस्तार से जानते हैं आखिर ग्रीन हाउस खेती क्या है, किसान इसमें खेती करके कैसे ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं-
ग्रीन हाउस प्लास्टिक की मच्छरदानी का संशोधित रूप है, इसमें खेती करने के लिए किसानों के द्वारा उन फसलों का चुनाव किया जाता है, जिन्हें कम सूर्य की रोशनी की जरूरत होती है. इसके अलावा उन फसलों की भी खेती की जाती है, जो अधिक तापमान पर नहीं हो पाती हैं.
ग्रीन हाउस में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा खुले वातावरण की तुलना में कहीं अधिक होती है, जिससे पौधों में फोटोसेंथिसिस की प्रक्रिया बढ़ जाती है. इससे फसल की पैदावार तेजी से होती है. इसके अलावा ग्रीन हाउस में स्वायल स्टेरेलाईजेशन अच्छी मात्रा में होता है. इससे मृदा जनित फफूंद और अन्य रोगों का प्रकोप कम हो जाता है.
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पौधों को उगाने के लिए सॉइल स्टरलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सॉइल या मिट्टी से बैक्टीरिया, वायरस, कवक, खरपतवार की जड़ों, व अन्य हानिकारक कीटों को नष्ट किया जाता है, जिससे स्वस्थ मिट्टी और पौधे प्राप्त होते हैं. सॉइल स्टरलाइजेशन का प्रयोग आमतौर पर ग्रीनहाउस, होम गार्डनिंग, इनडोर फार्मिंग में किया जाता है.
ग्रीन हाउस की लागत थोड़ी ज्यादा होती है. लघु और सीमांत किसानों के लिए इसकी लागत वहन करना थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में कई राज्य सरकारें राज्य के किसानों की मदद करने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मुहैया कराती हैं.
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• ग्रीन हाउस में खेती करने पर मौसम से जुड़ी किसानों की चिंताएं खत्म हो जाती हैं. हालांकि, अच्छी उपज के लिए के लिए निगरानी करना पड़ता है.
• ग्रीन हाउस में उत्पादन लेने के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पानी सीधा पौधों की जड़ों तक पहुंचता है. नतीजतन पौधों और फलों का विकास काफी तेजी से होता है.
• फसल में कीट-रोग या फंगस की परेशानी होने पर कभी भी अनुशंसित कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है.
• ग्रीन हाउस में खेती करने पर सब्जियों की उत्पादकता बढ़ जाती है.
• ग्रीन हाउस को कम क्षेत्र में भी स्थापित किया जा सकता है.
• ग्रीन हाउस में उत्पादित फसलों में गुणवत्ता बनी रहती है, जिससे मंडी में अच्छा दाम मिलता है.
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