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केंद्र सरकार का खेती-क‍िसानी पर फोकस, पांच गुना से ज्यादा हुआ कृष‍ि बजट: तोमर 

केंद्र सरकार का खेती-क‍िसानी पर फोकस, पांच गुना से ज्यादा हुआ कृष‍ि बजट: तोमर 

देहरादून में आयोज‍ित चार दिवसीय उत्तराखंड श्रीअन्न (मिलेट्स) महोत्सव के समापन समारोह पर केंद्रीय कृष‍ि मंत्री नरेंद्र स‍िंह तोमर ने कहा क‍ि छोटे किसानों को आय सहायता के लिए पीएम-किसान स्कीम द्वारा सीधे बैंक खातों में द‍िए गए 2.40 लाख करोड़ रुपये. 

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देहरादून में श्रीअन्न की प्रदर्शनी का अवलोकन करते केंद्रीय कृष‍ि मंत्री (Photo-Ministry of Agriculture).  देहरादून में श्रीअन्न की प्रदर्शनी का अवलोकन करते केंद्रीय कृष‍ि मंत्री (Photo-Ministry of Agriculture).

केंद्रीय कृष‍ि मंत्री नरेंद्र स‍िंह तोमर ने कहा है क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा खेती-क‍िसानी को प्राथमिकता दी है. वर्ष 2014 में कृषि का बजट लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का था, जो आज लगभग सवा लाख करोड़ रुपये का हो गया है. यानी पांच गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है. छोटे किसानों को आय सहायता के लिए पीएम-किसान स्कीम द्वारा करोड़ों किसानों के बैंक खातों में केंद्र ने 2.40 लाख करोड़ रुपये जमा किए हैं. इसी तरह, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना द्वारा किसानों को राहत म‍िल रही है. खाद्यान्न उत्पादकता में वृद्धि के साथ ही सरकार ने जैविक और प्राकृतिक खेती पर भी ध्यान देने का काम क‍िया है. 

तोमर मंगलवार को देहरादून में आयोज‍ित चार दिवसीय उत्तराखंड श्रीअन्न (मिलेट्स) महोत्सव के समापन समारोह को संबोध‍ित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि श्रीअन्न के फायदे ही फायदे हैं, विशेषकर हमारे छोटे किसानों को इससे बहुत लाभ है. श्रीअन्न से उनकी आय बढ़ने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. तोमर ने कहा कि विविध जलवायु वाले उत्तराखंड की जमीन कृषि के लिए बहुत ही अनुकूल है. पिछले पांच वर्षों से उत्तराखंड में कृषि मंत्रालय की योजनाओं का ठीक प्रकार से क्रियान्वयन व किसानों तक इनका लाभ पहुंचाने में उत्तराखंड सरकार अग्रणी भूमिका न‍िभा रही है. 

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कम होगी खेती की लागत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्रीअन्न का सेवन सेहतमंद रहने का माध्यम है. यह पोषकता से भरपूर है, जिसे उगाने में किसानों को लागत कम आती है, इसके लिए फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं पड़ती, कम बारिश में भी इसकी खेती आसानी से हो सकती है. छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने, लोगों को स्वस्थ रखने व देश-दुनिया की भोजन की थाली में श्रीअन्न को स्थान दिलाने के उद्देश्य से म‍िलेट ईयर मनाया जा रहा है. श्रीअन्न से एग्री स्टार्टअप्स बढ़ेंगे, रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही प्रोसेसिंग होगी और निर्यात भी बढ़ेगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा मान रही दुन‍िया 

केंद्रीय मंत्री ने कहा क‍ि देश की अर्थव्यवस्था बढ़े, विकास हो, उद्योग बढ़ें, मेक इन इंडिया हो, स्टार्टअप इंडिया हो, स्किल इंडिया हो और हमारा देश ताकतवर ही नहीं हो, बल्कि ऐसी महाशक्ति बने कि सारी दुनिया में भारत का लोहा मानने के लिए लोगों को विवश होना पड़े, प्रधानमंत्री की इस प्रकार की बहुआयामी सोच है. कोई हमसे सहमत हो या न हो, उसके बावजूद किसी भी वैश्विक मंच पर जब चर्चा होती है तब दुनिया के अर्थशास्त्रियों को यह कहने के लिए विवश होना पड़ता है कि आने वाले कल में दुनिया में तेजी के साथ आगे बढ़ने वाली कोई अर्थव्यवस्था है, तो वह भारत है. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है.

भारत की विशेषता दुनिया की विशेषता बनें, इसमें प्रधानमंत्री ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. योग भारत की पुरातनकालीन विधा है, जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रही थी, जिसे स्वामी रामदेव ने अभियान चलाकर घर-घर में स्थान दिलाने का काम किया, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में योग की विशेषताओं को प्रतिपादित किया और सारी दुनिया से आग्रह किया कि योग दिवस मनाया जाएं, जिसके माध्यम से आज विश्वभर में भारतीय योग विधा की गूंज हुई है. स्वस्थ रहना है तो योग जरूरी है. समारोह में उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी, वित्त मंत्री प्रेम अग्रवाल और आचार्य बालकृष्ण सहित कई लोग मौजूद रहे. 

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