गाय-भैंस, बकरी की खुजली और दूध उत्पादन के बीच यह है खास ब्रश का कनेक्शन

गाय-भैंस, बकरी की खुजली और दूध उत्पादन के बीच यह है खास ब्रश का कनेक्शन

पशु के खाने-पीने पर भी खुजली का असर दिखाई देने लगता है. इन्हीं सब कारणों के चलते ही पशु के दूध उत्पादन पर भी इसका असर दिखने लगता है और दूध देना कम कर देता है.

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गाय-भैंस, बकरी की खुजली और दूध उत्पादन के बीच यह है खास ब्रश का कनेक्शन खास ब्रश से शरीर की खुजली दूरी करती बकरी. फोटो क्रेडिट- बीवी नटराज.

आपको सुनकर शायद थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सच है कि जब भी किसी पशु को खुजली होती है तो उसका असर उसके दूध उत्पादन पर भी पड़ता है. इतना ही नहीं खुजली होने पर पशु अपने आपको घायल तक कर लेता है. कई बार तो इंफेक्शन के चलते पशु की मौत तक हो जाती है. इसी के चलते बाजार में पशुओं के लिए एक खास ब्रश आया है. हालांकि अभी यह दूसरे देशों से आयात किया जा रहा है इसलिए थोड़ा महंगा है. लेकिन एक्सपर्ट का दावा है कि जब ब्रश से जुड़ी कुछ चीजें भारत में ही बनने लगेंगी तो इसकी कीमत काफी कम हो जाएगी. 

डॉ. नटराज का कहना है क‍ि अभी फिनलैंड से आ रहे यह ब्रश पीवीसी के तार से बने हुए हैं. यह मुलायम पीवीसी है. पशु जब इस ब्रश से अपने शरीर को रगड़ता है तो ब्रॉश में लगे पीवीसी के तार उसके शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. दूसरा यह कि किसी भी पशु की त्वाचा कितनी भी हॉर्ड क्यों न हो, लेकिन ब्रश के तार खराब नहीं होते हैं. एक बार तार घि‍स जाने पर उस हिस्से को दोबारा लगाया जा सकता है.  

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पशु को दिमागी रूप से परेशान करती है खुजली

डेयरी एक्सपर्ट डॉ. नटराज ने किसान तक को बताया कि पशु छोटा हो जैसे भेड़-बकरी या बड़ा पशु जैसे गाय-भैंस, घोड़ा, याक आदि खुजली की परेशानी सभी को होती है. शरीर के कुछ हिस्सों की खुजली को तो यह सभी छोटे-बड़े पशु खुद से ही दूर करने की कोशिश कर लेते हैं. लेकिन कभी-कभी शरीर के ऐसे हिस्से में भी खुजली होने लगती है जहां जानवर अपने पंजे का इस्तेमाल कर उसे दूर नहीं कर पाता है. ऐसे में वो जानवर जो खूंटे से बंधा है तो वो वहीं किसी न किसी ऐसी चीज से जो उसके आसपास है अपनी खुजली को दूर करने की कोशिश करता है. 

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वहीं जो जानवर खुला हुआ है वो कभी पेड़ से, कभी दीवार से तो कभी लोहे के तार की बाड़ या फिर जो भी मिल गया उसी से खुजाने की कोशिश करता है. कई बार लोहे के तार या कांटों वाले झाड़ से खुजाने के चक्क र में पशु अपने को घायल भी कर लेता है. कई बार तो लोहे के तार से जख्मे भी हो जाता है और उसी से इंफेक्श न भी हो जाता है. खुजली जैसी इस परेशानी का असर गाय-भैंस और बकरी के दिमाग पर भी पड़ता है. पशु परेशान रहने लगता है. पशु के खाने-पीने पर भी इसका असर दिखाई देने लगता है. इन्हीं सब कारणों के चलते ही पशु के दूध उत्पादन पर भी इसका असर दिखने लगता है और दूध देना कम कर देता है.

40 हजार से एक लाख रुपये तक कीमत है खुजली वाले ब्रॉश की 

डॉ. नटराज ने बताया अभी यह ब्रश बाजार में फिनलैंड की कंपनी के साथ मिलकर बिक रहे हैं. डेयरीमेट और श्री सांई एग्रो इंप्लीमेंट यह ब्रश बेच रहे हैं. बाजार में ब्रश की कीमत 40 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक है. बाजार में मैक्सी, मिडी, मिनी और टोटम चार तरह के ब्रश हैं.

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