अब स्कूलों में बच्चों को खेती-बाड़ी की शिक्षा दी जाएगी. इसके लिए बच्चों को स्पेशल कोर्स पढ़ाया जाएगा. इससे बच्चे बचपन से ही खेती-बाड़ी के बारे में जान सकेंगे. आगे चलकर वे इसमें रुचि भी ले सकते हैं.
देश के कई राज्य बच्चों को खेती-बाड़ी की जानकारी देने के लिए सिलेबस में इसे शामिल करेंगे. कोर्स इस तरह के बनाए जाएंगे जिसमें खेती की जानकारी हो और उससे बच्चे इसकी शिक्षा ले सकें. कई राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
महाराष्ट्र में छठवीं क्लास से लेकर आठवीं क्लास तक के बच्चों को स्कूलों में खेती-बाड़ी की पढ़ाई कराई जाएगी. इसे कोर्स में शामिल किया जाएगा. कोर्स में खेती की बेसिक जानकारी दी जाएगी ताकि बच्चे कृषि के बारे में जान सकें.
इसी तरह दिल्ली सरकार ग्रीन कॉर्नर बनाने जा रही है जिसकी मदद से स्कूली बच्चे खेती के बारे में जान सकेंगे. दिल्ली सरकार इस कोर्स को बच्चों की पढ़ाई में शामिल करेगी और उसे स्कूलों में इससे जुड़ी शिक्षा बच्चों को दिलाई जाएगी.
बच्चों को खेती-बाड़ी की शिक्षा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी कि ICAR की सीबीएसई बोर्ड के साथ बैठक हो चुकी है. बैठक में खेती को कोर्स में शामिल करने को लेकर बातचीत हुई है. अभी यह बातचीत शुरुआती स्टेज में है.
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है जब बच्चों को स्कूली शिक्षा में खेती की जानकारी दी जाएगी. 90 के दशक में बच्चों को कृषि विज्ञान के अंतर्गत स्कूलों में खेती-बाड़ी की पढ़ाई कराई जाती थी और उन्हें बेसिक शिक्षा दी जाती थी.
ऐसा माना जाता है कि जब से 2009 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई, तब से स्कूली कोर्स में खेती-बाड़ी की पढ़ाई गायब हो गई है. अब उसी पढ़ाई को फिर से जिंदा करने और बच्चों को कृषि के प्रति जाकरूक करने की कोशिश चल रही है.
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