बहुत से लोग सीजन शुरू होते ही कच्चे आम ले आते हैं ताकि इन्हें घर पर ही पकाकर खा सकें. लेकिन दिक्कत तब आती है जब लोग आम को जल्दी पकाने के लिए शॉर्टकट लेते हैं और केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं, जबकि आप आम को सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके से पका सकते हैं.
आम को पकाने का सबसे अच्छा और सुरक्षित तरीका है कि उन्हें पेपर बैग में रखें या अखबार में लपेट दें. कच्चे आमों को पेपर बैग में रखें या उन्हें अखबार में लपेट दें. साथ में एक पका हुआ केला या सेब भी रखें. ये फल एक प्राकृतिक गैस छोड़ते हैं जिसे एथिलीन कहते हैं, जो आम को जल्दी पकाने में मदद करता है.
बैग को कमरे के तापमान पर, सूखी जगह और सीधी धूप से दूर रखें. हर दिन आम को चेक करें. आम तौर पर 2 से 4 दिन में आम पक जाते हैं, जब आम को दबाने पर थोड़ी नरमी लगे और डंठल के पास से मीठी खुशबू आए, तो समझ जाएं कि आम खाने के लिए तैयार हैं.
अगर आपके पास पेपर बैग नहीं है, तो आम को किसी बर्तन में रखकर ऊपर से साफ कपड़ा ढक सकते हैं. हालांकि, इस तरीके से थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है. लेकिन अगर आपके पास काफी ज्यादा आम हैं और आप चाहते हैं कि थोड़े लंबे समय तक आप आम खात रहें तो यह तरीका अपना सकते हैं.
बहुत से दुकानदार आम को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक होता है. कैल्शियम कार्बाइड नमी से मिलकर एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जो एथिलीन की तरह काम तो करता है, लेकिन बहुत हानिकारक होता है.
इसमें आर्सेनिक और फास्फोरस जैसे जहरीले तत्व हो सकते हैं. ऐसे आम खाने से सिरदर्द, चक्कर आना, पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक सेवन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
सबसे बड़ी बात है कि ये आम स्वाद में भी अच्छे नहीं होते. ये नरम तो लगते हैं लेकिन उनमें वो मिठास और खुशबू नहीं होती जो प्राकृतिक तरीके से पके आमों में होती है. साथ ही, प्राकृतिक तरीके से आम पकाना न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा है.
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