भारत में काली मिर्च की कीमतों में हाल ही में तेज गिरावट देखने को मिली है. बीते पंद्रह दिनों में काली मिर्च की कीमतों में 25 रुपये प्रति किलो तक की कमी दर्ज की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह श्रीलंका से बढ़ा हुआ आयात है. कोच्चि टर्मिनल बाजार में अब बिना छनी (Un-garbled) काली मिर्च की कीमत 695 रुपये प्रति किलो, जबकि छनी (Garbled) काली मिर्च की कीमत 715 रुपये प्रति किलो है. इस साल की शुरुआत में ये दरें 721 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं. बीते दो हफ्तों में बाजार में कुल 616 टन काली मिर्च की खरीद-फरोख्त हुई है.
श्रीलंका से आने वाली काली मिर्च की कीमत 675-690 रुपये प्रति किलो है, जो कि भारतीय काली मिर्च से सस्ती है. इस वजह से मसाला बनाने वाली कंपनियां श्रीलंकाई मिर्च की ओर आकर्षित हो रही हैं क्योंकि इससे उन्हें कम लागत में उत्पादन करने में मदद मिल रही है.
इंडियन पेपर एंड स्पाइस ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर शामजी का कहना है कि कीमतों में गिरावट को देखते हुए खरीदार फिलहाल खरीदारी से बच रहे हैं. वहीं, तमिलनाडु के गडलूर, यरकौड़ और नमक्कल जैसे इलाकों के किसान अब अपना माल बाजार में उतार रहे हैं.
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दुनियाभर के बाजारों में भारत की काली मिर्च की कीमत $8,650 प्रति टन है, जबकि श्रीलंका ($7,200), वियतनाम ($7,100), ब्राज़ील ($7,000) और इंडोनेशिया ($7,500) जैसे देशों में यह सस्ती है. ऐसे में विदेशी उत्पादक देश भारत को एक बड़ा बाजार मानकर यहां अपना माल बेचने की कोशिश कर रहे हैं.
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किशोर शामजी के अनुसार, भारत ने 2023 में 14,000 टन श्रीलंकाई मिर्च आयात की थी, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 24,000 टन तक पहुंच चुका है. अब जून से श्रीलंका में काली मिर्च की नई फसल आने वाली है, जिससे भारत में आयात और बढ़ने की आशंका है.
घरेलू उत्पादन की बात करें तो इस साल भारत में 75,000 टन काली मिर्च के उत्पादन का अनुमान है. प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में 50% फसल की कटाई पहले ही पूरी हो चुकी है.
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