भारत के कृषि क्षेत्र में 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 3.7% की ग्रोथ, शिवराज सिंह बोले- दुनिया की सबसे ज्यादा वृद्धि

भारत के कृषि क्षेत्र में 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 3.7% की ग्रोथ, शिवराज सिंह बोले- दुनिया की सबसे ज्यादा वृद्धि

भारत के कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 1.5 प्रतिशत की वृद्धि से उल्लेखनीय सुधार दिखा रहा है. 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान भारतीय कृषि सेक्टर में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है. शिवराज सिंह ने कहा है कि यह दुनिया की सबसे ऊंची वृद्धि है.

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भारतीय कृषि में 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 3.7% की ग्रोथ, शिवराज बोले- दुनिया की सबसे ज्यादा वृद्धिकेंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र ने 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है. ये ग्रोथ वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक है. शिवराज ने जोर देकर कहा कि सरकार किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देती रहेगी. इस क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले वर्ष इसी अवधि में दर्ज 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से उल्लेखनीय सुधार दिखा रहा है. आगामी रबी सीजन के लिए रणनीति बनाने पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कृषि मंत्री ने 'एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम' विषय पर प्रकाश डाला, जो कृषि परिदृश्य में समन्वित प्रयासों और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है.

नकली कृषि सामग्री के प्रति शून्य-सहिष्णुता

शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों की बदौलत देश में कृषि 3.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है. चौहान ने भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की एकजुटता की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने नकली कृषि सामग्री के प्रति सरकार के शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को दोहराया और नकली उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों के निर्माताओं और विक्रेताओं के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.

अक्टूबर में भी चलेगा 'विकसित कृषि संकल्प अभियान'

केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे. कृषि विस्तार कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने राज्य सरकारों, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों से ठोस जमीनी स्तर के कार्यक्रम और रणनीतियां विकसित करने का आह्वान किया. साथ ही किसानों से लगातार बदलते मौसम को देखते हुए फसल बीमा करवाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके. इस दौरान शिवराज ने घोषणा की कि केंद्र और राज्यों की संयुक्त भागीदारी से अक्टूबर में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' फिर से चलाया जाएगा. 

उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि अनुसंधान को केवल अकादमिक प्रकाशनों तक सीमित रहने के बजाय किसानों की वास्तविक चुनौतियों के समाधान पर केंद्रित होना चाहिए. सम्मेलन में रबी 2025-26 सीजन के लिए तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और व्यापक रणनीतियों पर व्यापक चर्चा की गई, जिसमें कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया.

दलहन के घटते रकबे पर चिंता

इस सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ सीजन में दलहन के घटते रकबे पर भी कड़ी नाराजगी जताई. इस दौरान उन्होंने अफसरों से साफ कहा कि अगर कर्नाटक में अरहर की फसल का रकबा घट गया है तो ये कैसा दलहन मिशन है? अगर तिलहन पर भी यही रवैया रहा, तो आत्मनिर्भर भारत महज एक सपना ही बना रहेगा. आगे उन्होंने कहा  “सिर्फ मिशन कह देने से कुछ नहीं होगा, हमें ठोस रणनीति बनानी होगी, वर्ना खाद्य तेल और दालों के मामले में हम हमेशा आयात पर निर्भर रहेंगे.”

(सोर्स- PTI)

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