UP Flood: यूपी में बाढ़ से बचाव के लिए बनी कार्य योजना, बरेली और झांसी में NDRF सेंटर और बहुत कुछ..

UP Flood: यूपी में बाढ़ से बचाव के लिए बनी कार्य योजना, बरेली और झांसी में NDRF सेंटर और बहुत कुछ..

सीएम योगी ने कहा कि बरसात के मौसम में आकाशीय बिजली/वज्रपात के कारण होने वाली ऐसी जनहानि को न्यूनतम करना एक बड़ी चुनौती है.

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UP Flood: यूपी में बाढ़ से बचाव के लिए बनी कार्य योजना, बरेली और झांसी में NDRF सेंटर और बहुत कुछ..तीन माह के भीतर यूपी के सभी 75 जिलों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएं जाएंगे.

UP Flood: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचक बल (SDRF) के बीच परस्पर समन्वय के साथ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए जारी प्रयासों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि आपदाकाल में राहत कार्यों के लिए योग्य एवं कुशल कार्मिकों की उपलब्धता प्राथमिक आवश्यकता है. जितने दक्ष कार्मिक होंगे, राहत कार्य उतना ही अधिक प्रभावी होगा. ऐसे में प्रदेश में आपदा प्रबंधन कार्य मे संलग्न कार्मिकों के बेहतर प्रशिक्षण के लिए एक सेंटर स्थापित किया जाना आवश्यक है. इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए. इस कार्य मे एनडीआरएफ से भी सहयोग लिया जाना चाहिए.

सीएम योगी ने कहा कि बरसात के मौसम में आकाशीय बिजली/वज्रपात के कारण होने वाली ऐसी जनहानि को न्यूनतम करना एक बड़ी चुनौती है. 2022-23 में 52 जनपदों में 301 लोगों की असमय मृत्यु हुई, जबकि 2023-24 में अब तक 36 जिलों में 174 जनहानि की दुःखद सूचना मिली है. इसके हर हाल में रोकना होगा और तकनीक की मदद से ऐसा किया जा सकता है. इस दिशा में बिना विलंब प्रभावी प्रयास किया जाए. 

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उन्होंने कहा कि आगामी तीन माह के भीतर सभी 75 जिलों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएं. आज तकनीक इतनी बेहतर हो चुकी है कि आकाशीय बिजली गिरने के तीन से चार घंटे पहले पता लगाया जा सकता है जबकि एक घंटे पूर्व सटीक स्थान की जानकारी मिल सकती है. यदि समय से लोगों को जानकारी मिल जाएगी तो जन-धन की हानि नहीं होगी.भारत सरकार द्वारा विकसित कराए गए दामिनी एप, मेघदूत जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए.

सीएम ने सभी जनपदों में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं. इन्हें सेफ सिटी के अंतर्गत आईसीसीसी से इंटीग्रेट किया जाना चाहिए. सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में क्रियाशील पब्लिक एड्रेस सिस्टम को स्थापित कराएं. इन्हें अर्ली वार्निंग सिस्टम से जोड़ा जाए.

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आपदाकाल में एनडीआरएफ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के कार्मिकों ने सेवा और दक्षता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है. लखनऊ में एनडीआरएफ मुख्यालय भवन क्रियाशील है. बरेली और झांसी में एनडीआरएफ के रीजनल रिस्पॉन्स सेंटर की स्थापना की जानी है. इसके लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जाए.

बैठक के दौरान सीएम योगी ने कहा कि आपदाकाल में आपदा मित्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आपदा मित्रों वाला राज्य है. जिन जिलों में अभी तक इनकी तैनाती नहीं है, वहां तत्काल किया जाए. इनके प्रशिक्षण की कार्यवाही भी तेजी से पूरी की जाए.

एंड-टू-एंड कंप्यूटराइज्ड रिलीफ मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश  प्रथम राज्य है जहां आपदा राहत वितरण हेतु एंड-टू-एंड कंप्यूटराइज्ड रिलीफ मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है. इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर, डिजिटल अप्रूवल तथा खाते में धनराशि हस्तान्तरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है, जिससे राहत वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित हो गई है. इसे और उपयोगी बनाने का प्रयास हो. बाढ़ आदि आपदा की स्थिति में बचाव कार्य में लगे कार्मिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। बारिश/बाढ़ में छोटी नौकाओं का प्रयोग न हो. नौकाओं में लाइफ जैकेट जैसे सुरक्षा प्रबंध जरूर हों.

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बाढ़, भूकंप,आकाशीय बिजली आदि आपदाओं के समय 'क्या करें -क्या न करें' के संबंध में जनजागरूकता को और बढ़ाया जाना चाहिए. स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों  एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड आदि स्वयंसेवकों को आपदा राहत कार्यों के बारे में जागरूक किया जाए. प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में नदी, पोखरों, तालाबों में बच्चों के डूब कर काल-कवलित होने की दुःखद घटानाएं होती हैं. इस रोकने के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है. इस दिशा में कार्य किया जाए.

 

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