![महिला ने पेड़ की मदद से बनाया World Record महिला ने पेड़ की मदद से बनाया World Record](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202402/65db319184d00-world-record-252448329-16x9.jpg?size=948:533)
मौजूदा समय में लोग जागरुकता फैलाने के लिए तरह-तरह के काम करने लगे हैं. ऐसा ही कुछ अनोखा काम एक महिला ने कर दिखाया है. इस महिला ने एक पेड़ की मदद से ऐसा काम किया कि वो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया. ये महिला एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, जो युगांडा के कंपाला की रहने वाली हैं. उन्होंने सबसे अधिक समय तक पेड़ को गले लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर लिया है. 29 साल की फेथ पेट्रीसिया एरियोकोट ने वल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 16 घंटे 6 सेकंड तक पेड़ को अपनी बाहों से लपेटे रखा. उन्होंने लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी रक्षा करने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला. उनका कहना है कि इसी वजह से उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया.
"The tree chose me" says Ugandan activist who hugged a tree for 16 hours to break a record 🌳
— Guinness World Records (@GWR) February 23, 2024
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फेथ ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ये सबसे महान सैनिक हैं. उन्होंने कहा कि इस रिकॉर्ड के लिए पेड़ का चुनाव करना शादी की ड्रेस चुनने जैसा था. उनका कहना है कि इस पेड़ ने मुझे चुना है और ये पहली नजर के प्यार जैसा था. जब मैंने पेड़ देखा, तो मुझे पता था कि ये वही है, जिसके पास मैं जाऊंगी. यह रिकॉर्ड 'सबसे लंबे मैराथन' रिकॉर्ड से थोड़ा अलग है, जैसे कि सबसे लंबे समय तक खाना पकाने का रिकॉर्ड, जहां चुनौती लेने वालों को आराम करने के लिए प्रत्येक घंटे के बाद पांच मिनट का समय दिया जाता है.
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वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की इन कोशिशों को 'मैराथन' तभी माना जाता है, जब वो 24 घंटे से अधिक समय तक चलें. फेथ को पूरे समय तक पेड़ को अपनी बाहों में लपेटकर रहना था. वो उसे छोड़ नहीं सकती थीं. उन्हें हर वक्त खड़े रहना था. वो कहती हैं, '16 घंटे तक खड़े रहने के कारण उनके पैरों में दर्द हो रहा था. पेड़ चुभ रहा था. इससे उन्हें दर्द होने लगा. लेकिन उन्होंने पेड़ को पकड़े रहा.
फेथ की ये तीसरी कोशिश थी. इससे पहले भी उन्होंने पेड़ को गले लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश की थी. एक बार सब कैमरा में ठीक से रिकॉर्ड नहीं हो पाया. जबकि दूसरी बार तूफान की वजह से कोशिश बीच में ही छोड़नी पड़ी. मगर इस बार 9 घंटे के बाद उनकी हिम्मत जवाब देने लगी थी. लेकिन फेथ कोशिश करती रहीं. साथ ही उनका कहना है कि उनके ऐसा करने के बाद लोग पर्यावरण को लेकर अधिक जागरूक होंगे और पौधारोपण के लिए प्रेरित होंगे. (Aajtak.in)
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