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नागपुर के संतरे को GI Tag कब मिला और क्यों? आइए जानते हैं इस खबर में

नागपुर के संतरे को GI Tag कब मिला और क्यों? आइए जानते हैं इस खबर में

नागपुर के संतरे को पूरे देश में बड़े चाव से खाया जाता है. इस संतरे को जीआई टैग भी मिल चुका है. हालांकि सवाल ये है कि नागपुर के संतरे को GI Tag कब मिला और क्यों? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.

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नागपुर के संतरे नागपुर के संतरे

संतरे को विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है. ऐसे में अगर खाने में नागपुरी संतरा मिल जाए तो फिर बात ही कुछ और हो जाती है. असल में नागपुरी संतरा अपनी मिठास और स्वाद के लिए दुनियाभर में मशहूर है. नागपुर के संतरे को पूरे देश में बड़े चाव से खाया जाता है. इस संतरे को जीआई टैग भी मिल चुका है. हालांकि सवाल ये है कि नागपुर के संतरे को GI Tag कब मिला और क्यों? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.

कब मिला GI Tag  

नागपुर के संतरे को साल 2014 में जीआई टैग मिला. दरअसल नागपुर को "ऑरेंज सिटी" के नाम से जाना जाता है. यहां का मैंडरिन किस्म का संतरा पूरे देश में सबसे लोकप्रिय है. मैंडरिन संतरे विदर्भ क्षेत्र की सतपुड़ा पहाड़ियों में उगाए जाते हैं. नागपुर के संतरे अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए काफी मशहूर है.

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क्यों मिला GI Tag

1. नागपुर के संतरे अपने मीठे स्वाद, रसीले गूदे और उच्च पोषण मूल्य के लिए जाने जाते हैं. यह सब नागपुर की मिट्टी, जलवायु और खेती की परंपरागत विधियों का नतीजा है.

2. नागपुर और उसके आसपास का क्षेत्र संतरे की खेती के लिए बहुत अनुकूल हैं. यहां की मिट्टी में आवश्यक खनिज पदार्थ पाए जाते हैं. साथ ही यहां की जलवायु संतरे के पौधों के ग्रोथ के लिए बिल्कुल सही है.

3. नागपुर में संतरे की खेती सदियों से होती आ रही है. यहां के किसानों ने संतरे की खेती की विशेषज्ञता हासिल कर ली है और वे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके बेहतर क्वालिटी वाले संतरे उगाते हैं.

4. जीआई टैग मिलने से नागपुर संतरे को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में पहचान मिली है. इससे इसकी मांग बढ़ती है और किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं.

GI Tag के फायदे

• नागपुर संतरे को अब दुनिया भर में एक विशिष्ट उत्पाद के रूप में पहचाना जाता है.
• जीआई टैग मिलने से संतरे की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए मानक तय किए जाते हैं.
• जीआई टैग के कारण नागपुर संतरे की कीमत बढ़ती है जिससे किसानों की बेहतर कमाई होती है.
• संतरे की खेती और विदेशों में मांग से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं.

क्या होता है Gi Tag?

किसी भी उत्पादन को भौगोलिक सांकेतिक यानी जीआई टैग मिलने से विश्वव्यापी पहचान मिल जाती है. लोग जीआई टैग उत्पादों को क्वालिटी में बेस्ट मानते हैं, इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मार्केटिंग के ज्यादा आसार होते हैं. एक तरीके से देखा जाए तो स्थान विशेष से ताल्लुक रखने वाले उत्पादों को जीआई टैग मिलने से न सिर्फ उत्पाद का निर्यात बढ़ जाता है, बल्कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है.