खरीफ सीजन की बुवाई लगभग पूरी हो गई है. इस खरीफ सीजन मॉनसून की मेहरबानी के चलते बुवाई का रकबा रिकॉर्ड तोड़ता हुआ दिख रहा है. मसलन, इस बार खरीफ सीजन के रकबे में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. इस बीच देश में गेहूं का बाजार भी उलझा हुआ दिख रहा है, जिसमें मौजूदा समय में गेहूं के दामों में तेजी दर्ज की गई है. गेहूं के दामों में ये बढ़ाेतरी तब है, जब त्योहार सीजन शुरू होने में अभी समय है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस त्योहारी सीजन गेहूं 3 हजार क्विंटल पार कर जाएगा. हालांकि बाजार को गेहूं के दामों को नियंत्रिण करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) का इंंतजार है.
आज की बात इसी पर... जानेंगे कि गेहूं के मौजूदा दाम क्या हैं. कितनी बढ़ोतरी हुई है. त्योहारी सीजन में गेहूं के दाम कितने और क्यों बढ़ सकते हैं. क्यों कहा जा रहा है कि त्योहारी सीजन में गेहूं के दाम 3 हजार रुपये क्विंटल पार कर सकते हैं. फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन क्यों गेहूं की ओपन मार्केट सेल स्कीम की उम्मीद कर रहा है. उसकी संभावनाएं क्या हैं और उससे गेहूं के दामाें में क्या असर पड़ेगा.
गेहूं के भाव में मौजूदा वक्त में तेजी है. मसलन, पिछले डेढ़ महीने से गेहूं के दामों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. दिल्ली फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल बताते हैं कि जुलाई के बाद से गेहूं के दामों में तेजी है. आलम ये है कि डेढ़ महीने में गेहूं के दाम 150 रुपये तक बढ़ गए हैं, जो मौजूदा वक्त में 2850 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है.
गेहूं के दामों में मौजूदा वक्त में तेजी है. जबकि आने वाला अक्टूबर त्योहार का है. मसलन, इस साल अक्टूबर में नवरात्रों के साथ ही दीपावली भी है. ऐसे में माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन यानी सितंंबर के आखिर तक गेहूं के दाम 3 हजार पार कर जाएंगे. इसको लेकर दिल्ली फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल कहते हैं कि गेहूं के दामों में बढ़ाेतरी का मुख्य कारण बाजार में गेहूं की कमी है. बाजार में गेहूं का स्टॉक जिस तरीके से उलझा हुआ है, उसको देखें तो कहा जा सकता है कि इस त्योहारी सीजन में गेहूं के दाम 3 हजार पार कर जाएंगे.
गेहूं के दामाें में बढ़ोतरी जारी है. त्योहारी सीजन से पहले गेहूं के दाम 3 हजार रुपये क्विंटल पार होने की प्रबल संंभावनाएं बनी हुई हैं, लेकिन बाजार को गेहूं के दामाें में नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार है.दिल्ली फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल कहते हैं कि सरकार ने OMSS के जरिए FCI के स्टॉक से 2300 रुपये क्विंटल पर गेहूं को बाजार में उतारना था, जिससे गेहूं के दामों में नियंत्रण की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक गेहूं OMSS के जरिए नहीं आया है.
वहीं रोलर फ्लाेर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता कहते हैं कि गेहूं के दामों पर नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार है. इससे ही गेहूं के दाम नियंत्रित होंगे. अगर सरकार OMSS के जरिए गेहूं नहीं बेचेगी तो गेहूं के दामों में बढ़ोतरी तय है. OMSS के जरिए कितना गेहूं बाजार में आना चाहिए, इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि जरूरी है कि सरकार गेहूं का इंपोर्ट सुचारू करे. इससे गेहूं के दामों में नियंत्रण होगा.
गेहूं के दामों में बढ़ोतरी जारी है. त्योहारी सीजन से पहले गेहूं के दाम 3 हजार पार हो सकते हैं. इस बीच बाजार गेहूं के दामों में नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार हो रहा है. इस पूरी कवायद में किसानों के लिए संदेश छिपा है. बेशक, अगर त्योहारी सीजन से पहले OMSS के जरिए 2300 रुपये क्विंटल पर गेहूं बाजार में आता है तो इससे गेहूं के दाम गिरेंगे, लेकिन सवाल ये है कि गेहूं की सरकारी खरीद पिछले तीन साल से लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही पाई हो. FCI के स्टॉक में सरप्लस गेहूं का गणित गडबड़ाया हुआ हो तो सवाल ये है कि कितना गेहूं त्योहारी सीजन से पहले बाजार में OMSS के जरिए उतारा जाएगा.
असल में FCI के पास कुल स्टॉक 330 मीट्रिक टन के पास है. इसी स्टॉक से मार्च तक (75 मीट्रिक टन) गेहूं का बफर स्टॉक बनाए रखने की चुनौती है. तो वहीं 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज में (185 मीट्रिक टन) गेहूं भी वितरित करना है. इस स्थिति में 70 मीट्रिक टन गेहूं का स्टाॅक की सरप्लस है. ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल 100 मीट्रिक टन OMSS के जरिए खुले बाजार में आया था. ऐसे में त्योहारी सीजन के बाद नई आवक आने से पहले गेहूं के दामों में तेजी बनी रहेगी.
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