क्या होती है समन्वित कृषि प्रणाली? किसान इस तरह ले सकते हैं सरकारी योजना का लाभ

क्या होती है समन्वित कृषि प्रणाली? किसान इस तरह ले सकते हैं सरकारी योजना का लाभ

समन्वित कृषि प्रणाली खेती का एक ऐसा तरीका है जिसमें खेती के अलग-अलग प्रकारों जैसे फसल उत्पादन,पशुपालन, फल और सब्जी उत्पादन, मछली उत्पादन, मुर्गीपालन, दुध और खाद्य प्रसंस्करण, वानिकी का इस तरह समायोजन किया जाता है कि ये सभी एक-दूसरे के पूरक बनकर किसान को लगातार आमदनी देते हैं.

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क्या होती है समन्वित कृषि प्रणाली? किसान इस तरह ले सकते हैं सरकारी योजना का लाभसमन्वित खेती

समन्वित कृषि प्रणाली खेती का एक ऐसा तरीका है जिसमें खेती के अलग-अलग प्रकारों जैसे फसल उत्पादन,पशुपालन, फल और सब्जी उत्पादन, मछली उत्पादन, मुर्गीपालन, दुध और खाद्य प्रसंस्करण, वानिकी का इस तरह समायोजन किया जाता है कि ये सभी एक-दूसरे के पूरक बनकर किसान को लगातार आमदनी देते हैं.

इस तरह की खेती में संसाधनों का पूरा उपयोग होता है. राजस्थान सरकार समन्वित खेती के लिए सब्सिडी भी देती है.

ये हैं समन्वित खेती के उद्देश्य

वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत समन्वित कृषि पद्धति को अपनाने के लिए सहायता दी जाती है. जैसे पशु आधारित कृषि पद्धति, उधानिकी आधारित पद्धति तथा पेड आधारित पद्धति.

इसके साथ ही वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिए भी राज्य सरकार की ओर से सहायता दी जाती है. साथ ही खेती को लाभकारी, टिकाउ तथा जलवायु सहनशील बनाना भी इसका उद्देश्य है. किसानों की आय बढ़ाना, मिट्टी और नमी का संरक्षण, पानी संरक्षण इसके उद्देश्यों में शामिल है. 

इतनी मिलती है सब्सिडी

राजस्थान सरकार की ओर से समन्वित खेती के अलग-अलग तरीकों के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है. जो निम्न हैं. 
•    पशु आधारित पद्धति:- चारे वाली फसलों के साथ गाय/ भैंस के लिए लागत का 50 प्रतिशत या 40000 रूपये प्रति हेक्टेयर, भेड/बकरी के लिए 25000 रुपए  प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाती है. 
•    उधानिकी आधारित पद्धति- फसलों के साथ फलदार पौधे-संतरा अमरूद अनार आदि के लिए लागत का 50 प्रतिशत या 25000 रूपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान राजस्थान सरकार की ओर से देय होता है. 
•    पेड आधारित पद्धति- फसलों के साथ खेत की मेड पर फलदार पौधे-नींबू, करौंधा पपीता खेजड़ी आदि के लिए लागत का 50 प्रतिशत या 15000 रूपए प्रति हेक्टेयर अनुदान देय होता है. 
•    वर्मी कंपोस्ट इकाई - लागत का 50 प्रतिशत या 125 रुपए प्रति घन फीट अनुसार अधिकतम 50,000 रूपए की सब्सिडी किसान को दी जाती है. 

ये किसान कर सकते हैं सब्सिडी के लिए आवेदन

सब्सिडी के लिए राज्य सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. इनमें हर एक किसान को 0.25 हेक्टेयर से अधिकतम 2 हेक्टेयर तक सहायता दी जाती है. लघु तथा सीमांत कृषकों को प्राथमिकता मिलती है. साथ ही क्रियान्वयन क्लस्टर आधारित होता है,  जिसमें 100 हेक्टेयर या अधिक क्षेत्र को शामिल किया जाता है.

सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन

चयनित क्लस्टर के किसान क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक को भूमि की जमा बंदी, फोटो, बैंक विवरण तथा आधार कार्ड के साथ आवेदन कर सकते हैं. 
 

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