भारत में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में कई नई पहलों और नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में भारत की अग्रणी कृषि इनपुट कंपनी ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने एक नई राष्ट्रव्यापी मुहिम (सवाल कल का है) #SawalKalKaHai की शुरुआत की है. कंपनी की इस पहल का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है. यह अभियान आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. कंपनी ने अपने अभियान का मुख्य संदेश: "बात सिर्फ आज की नहीं, हर कल की है'’ रखा है.
ट्रॉपिकल एग्रो इस संदेश के माध्यम से बताना चाहती है मिट्टी की सेहत, पारिस्थितिक संतुलन और हमारे खाद्य तंत्र का भविष्य आज की जिम्मेदारी से जुड़ा है. यह पहल किसानों और उपभोक्ताओं- दोनों से जिम्मेदारी लेने की अपील करती है, क्योंकि टिकाऊपन की शुरुआत मिट्टी से होती है और अंत हमारी थाली में. 1969 में स्थापित और झावेरी समूह का हिस्सा रही ट्रॉपिकल एग्रो, आज भारत की सबसे तेजी से बढ़ती एग्री-इनपुट कंपनियों में से एक है, जिसका सालाना कारोबार करीब 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.
कंपनी अपने पोर्टफोलियो में केमिकल, जैविक और ऑर्गेनिक समाधान पेश करती है और इस क्षेत्र में भारत की शीर्ष दो ब्रांडों में शामिल है. ट्रॉपिकल एग्रो ने हाल के वर्षों में सस्टेनेबिलिटी पर ज़ोर बढ़ाया है. अब कंपनी के जैविक और ऑर्गेनिक उत्पाद 20% पोर्टफोलियो का हिस्सा हैं. साथ ही, यह किसानों को रसायनों के संतुलित इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग भी देती है.
इन पहलों को और मज़बूत करते हुए ट्रॉपिकल एग्रो ने अपने कुछ पेटेंटेड उत्पाद, जैसे Tag Stem Lee और Tag Proxy भी लॉन्च किए हैं. ये उन्नत उत्पाद न केवल फसल की रक्षा करते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं. अभियान का मकसद केवल किसानों को जोड़ना नहीं, बल्कि शहरी उपभोक्ताओं को भी यह समझाना है कि उनके रोज़ाना के खाने के चुनाव सीधे खेती से जुड़े होते हैं. अभियान का वीडियो फिल्म एक भावनात्मक कहानी बुनता है, जिसमें एक मां अपने बच्चे के टिफिन के लिए हेल्दी विकल्प चुनती है और यही सोच उसे खेती की जड़ों तक ले जाती है.
कंपनी के संस्थापक वी.के. झावेर ने कहा, "ट्रॉपिकल एग्रो में हमारा मानना है कि सततता (सस्टेनेबिलिटी) कोई फैशनेबल शब्द नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है. #SawalKalKaHai हमारे लिए किसानों और शहरी उपभोक्ताओं दोनों के लिए एक आह्वान है कि वे सोच-समझकर ऐसे निर्णय लें, जो बेहतर भविष्य की नींव रखें. हम ऐसे तरीकों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो हमारे पर्यावरण, खाद्य प्रणाली और देशभर के किसानों की आजीविका की रक्षा करें. यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक आंदोलन की शुरुआत है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा."
इससे पहले कंपनी "जय जवान जैविक किसान" और "जियो और जीने दो" जैसी डॉक्यूमेंट्रीज़ के माध्यम से जैविक खेती और टिकाऊ कृषि की सोच को देशभर में पहुंचा चुकी है. #SawalKalKaHai इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है, जो आज की जागरूकता के जरिए कल की खेती और खाने की गुणवत्ता तय करना चाहती है.
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