एक स्टडी में दावा किया गया है कि पूरे देश में चाय की नीलामी के लिए भारत ऑक्शन सिस्टम को लागू करना चाहिए. स्टडी में कहा गया है कि कुछ बदलावों के साथ भारत ऑक्शन सिस्टम को लागू करने से चाय की कीमतों में सुधार किया जा सकता है. साथ ही इससे चाय के बाजार में भी तेजी की संभावना बनेगी. ऑक्शन सिस्टम के बेस प्राइस लॉजिक मोडिफिकेशन, रिजर्व प्राइस टोलरेंस, प्राइस इंक्रीमेंट गाइडलाइंस और बाय लिमिट स्पेसिफिकेशन में कुछ सुधार कर भारत ऑक्शन सिस्टम को लागू किया जा सकता है.
स्टडी में कहा गया है कि एक बार जब ब्रोकर के पास नीलामी का दाम प्राइवेट में बता दिया जाए तो नीलामी शुरू होने के बाद उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. नीलामी की कीमतें न अधिक और न ही कम की जानी चाहिए. भारत ऑक्शन सिस्टम के बारे में कहा गया है कि दक्षिण भारत में इसके प्रयोग से साफ है कि यह सिस्टम पूरी तरह से सक्षम है और बिजनेस से जुड़े लोगों ने इसकी तारीफ की है. लोगों का ये भी कहना है कि भारत ऑक्शन सिस्टम में नीलामी से उनका समय भी बचता है.
दूसरी ओर, उत्तर भारत के चाय सेंटरों में जहां इंग्लिश ऑक्शन सिस्टम लागू है, वहां इसकी कई चुनौतियां बताई जा रही हैं. उसके मुकाबले भारत ऑक्शन सिस्टम को सही और सक्षम बताया जा रहा है. यही वजह है कि इसे पूरे देश में कुछ बदलावों के साथ लागू करने की मांग की जा रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस सिस्टम को पूरे देश में लागू करने पर विचार किया जा सकता है.
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'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि टी बोर्ड ने 12 जुलाई को कुछ पक्षकारों के साथ बातचीत के लिए बैठक बुलाई है. भारत ऑक्शन सिस्टम दक्षिण भारत में ऑर्थोडोक्स चाय की बिक्री के लिए सही माना जाता है और इससे सीटीसी चाय के दाम पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं देखा गया है. यही वजह है कि पूरे देश में चाय की नीलामी के लिए इस सिस्टम को लागू करने पर विचार करने की वकालत की जा रही है.
भारत चाय का बहुत बड़ा उत्पादक होने के साथ निर्यातक भी है. इसकी खेती पर लाखों किसान परिवार आश्रित हैं और कई चाय बागानों में लोगों को रोजगार मिला हुआ है. इसकी बिक्री के लिए देश में नीलामी का ऑनलाइन और ऑफलाइन सिस्टम बना हुआ है जिसकी मदद से चाय की खरीद-बिक्री की जाती है. इस सिस्टम को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया गया है ताकि नीलामी में किसी तरह विसंगति न रहे.
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