महाराष्ट्र के सातारा जिले के महाबलेश्वर तालुके के कोयना क्षेत्र में जंगली भैंसे (रानगवे) के हमले में एक किसान की मौत के बाद 105 गांवों में गुस्से की लहर दौड़ गई है. यह घटना सोमवार सुबह सोनाट गांव में हुई, जब 45 वर्षीय किसान रघु जानू कदम खेत में काम कर रहे थे.
जंगल से अचानक निकले रानगवे ने किसान पर हमला कर दिया. उसकी तेज सींगें सीधे छाती में जा धंसीं, जिससे किसान की मौके पर ही मौत हो गई.
घटना के बाद पूरे कोयना क्षेत्र के 105 गांवों के लोग एकजुट हो गए हैं. ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है और वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि "अब सिर्फ फसलें नहीं, इंसान भी असुरक्षित हो गया है. अगर सरकार ने 4 दिनों में ठोस कदम नहीं उठाए, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे."
वन विभाग के अधिकारी जब घटनास्थल पर पहुंचे तो भीड़ का आक्रोश फूट पड़ा. लोगों ने कहा कि वे लंबे समय से वन्यजीव हमलों की शिकायत कर रहे थे, लेकिन प्रशासन और विभाग ने अनसुनी कर दी.
यह हादसा महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री और सतारा जिले के पालकमंत्री शंभूराज देसाई के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि "जब मंत्री के क्षेत्र में ही किसान असुरक्षित हैं, तो बाकी राज्य का क्या हाल होगा?"
ग्रामीणों का गुस्सा इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि वे लगातार खतरे की चेतावनी देते रहे, लेकिन सरकार की नींद अब तक नहीं टूटी.
कोयना क्षेत्र के किसान पहले से ही जंगली भैंसे और सूअरों के हमलों से परेशान हैं. उनकी फसलें तबाह हो रही हैं, अब जान का खतरा भी बढ़ गया है.
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है:
"अब बर्दाश्त की हद हो चुकी है. यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कोयना सड़कों पर होगा!"(सकलेन मंसूर का इनपुट)
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