33 नहीं राजस्थान में अब 50 जिले, 10 संभाग, कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन

33 नहीं राजस्थान में अब 50 जिले, 10 संभाग, कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन

अब प्रदेश में 50 जिले और 10 संभाग हो गए हैं. बता दें कि राजस्थान सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए रामलुभाया कमेटी बनाई थी. बाद में इस कमेटी का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाया गया था.

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33 नहीं राजस्थान में अब 50 जिले, 10 संभाग, कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशनराजस्थान में 19 नए जिले और तीन संभाग बनाए गए हैं. फोटो- DIPR

राजस्थान का नक्शा बदल गया है. कुछ महीने पहले 19 नए जिले और तीन संभाग बनाने की घोषणा को राजस्थान कैबिनेट ने अंतिम मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने नए जिलों के सीमांकन पर अंतिम मुहर लगाई है. इसके बाद अब प्रदेश में 50 जिले और 10 संभाग हो गए हैं. बता दें कि राजस्थान सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए रामलुभाया कमेटी बनाई थी. बाद में इस कमेटी का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाया गया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कमेटी की अनुशंसा पर और भी जिले गठित हो सकेंगे. साथ ही प्रदेश में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण (डिसेंट्रिलाइजेशन)होने से प्रशासनिक व्यवस्था भी मजबूत होगी. वहीं, सरकारी योजनाएं जल्दी और प्रभावी तरीकों से लागू हो पाएंगी. इससे प्रदेश का विकास होगा. 

सीएम ने बताया कि सात अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की मौजूदगी में इन जिलों का स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 

नए जिलों के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान

सीएम आवास में मीडिया से बात करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नए जिलों में सरकार ने पहले से ही विशेषाधिकारी लगाकर काम शुरू किया जा चुका है. राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नये संभाग और जिलों के गठन से जमीन सम्बन्धी और दीवानी मामलों के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों का समय भी नए जिले बनने से बचेगा. साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों को भी विकास और निवेश सम्बन्धित प्लानिंग में आसानी होगी. 

सरकार की प्राथमिकता प्रशासनिक डिसेंट्रिलाइजेशनः गहलोत

मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की है. जिलों का आकार जितना छोटा होगा, उतनी ही प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी. उन्होंने अन्य राज्यों के उदाहरण देते हुए बताया कि देश में 95 जिले पांच लाख से कम आबादी वाले हैं. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की जनसंख्या लगभग 7.70 करोड़ है और वहां 53 जिले हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ में 2.56 करोड़ की जनसंख्या पर 33 जिले हैं. गहलोत ने कहा कि नए जिलों के लिए अधिकारियों की कमी नहीं आने दी जाएगी. जिलों का गठन होने के बाद इनमें विभिन्न पदों के लिए भर्तियां भी होंगी. 

पिछले पांच साल में बनाए 1284 गांव

गहलोत ने जानकारी देते हुए कहा कि बीते साढ़े चार साल में 1284 नए गांव बनाये गए हैं. साथ ही, 96 पटवार मंडल, 32 भू-अभिलेख निरीक्षक सर्किल, 125 उप तहसील, 85 तहसील, 35 उपखण्ड कार्यालय, 13 एडीएम कार्यालय एवं एक सहायक कलक्टर कार्यालय खोले गए है.

वहीं, 1035 नये पटवार मंडल बनाने की घोषणा की गई है. इसके अलावा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, कॉंन्स्टियूशन क्लब, गांधी म्यूजियम, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज एंड गवर्नेंस एवं आईपीडी टॉवर के निर्माण जैसे कदमों ने विजन 2030 की रूपरेखा तैयार की है.

ये है राजस्थान की नई तहसीलों का नक्शा.

फिलहाल इस तरह चलेगा नए जिलों का काम

राज्य में 19 नये जिले अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचैर एवं शाहपुरा बनाये गए हैं. डीडवाना-कुचामन जिले में मिनी सचिवालय भवन तैयार होने तक जिला कलक्टर कार्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना से चलाया जाएगा.

वहीं, भिवाड़ी मुख्यालय पर वर्तमान में स्थापित जिला स्तरीय कार्यालय जैसे-पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र आदि पहले की तरह काम करते रहेंगे.  खैरथल-तिजारा में नए कार्यालयों की स्थापना की जाएगी. 
 

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