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52 हजार पैक्स CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और आधार नामांकन जैसी 300 से अधिक सेवाएं शुरू 

52 हजार पैक्स CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और आधार नामांकन जैसी 300 से अधिक सेवाएं शुरू 

केंद्र सरकार देशभर में मौजूद सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) को विकसित कर रही है, ताकि ग्रामीण विकास में इनकी भूमिका को विस्तार दिया जा सके. इसके अलावा पैक्स के नेटवर्क के जरिए सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों को सुदूर ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटी है.

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देश में मौजूद करीब 1 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS). देश में मौजूद करीब 1 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS).

देश में मौजूद करीब 1 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) में से आधी पैक्स पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सेवाएं मिलने जा रही हैं. सहकारिता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 52 हजार से ज्यादा पैक्स को सीएससी पोर्टल पर ऑनबोर्ड किया गया है. एप्रूवल के बाद इन सभी पैक्स पर सीएससी की 300 से अधिक तरह की सेवाओं का लाभ ग्रामीण इलाके के लोगों और किसानों को दिया जा सकेगा. बता दें कि वर्तमान में ऋण, पैक्स पर खाद-बीज के साथ ही कीटनाशक दवाएं और कृषि उपकरणों की बिक्री की जा रही है. 

केंद्र सरकार देशभर में मौजूद सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) को विकसित कर रही है, ताकि ग्रामीण विकास में इनकी भूमिका को विस्तार दिया जा सके. इसके अलावा पैक्स के नेटवर्क के जरिए सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों को सुदूर ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटी है. वहीं, किसानों तक सेवाओं की पहुंच आसान करने के लिए केंद्र सरकार पैक्स पर ही सीएससी सेवाएं नहीं लागू कर रही बल्कि किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को सीएससी सेवाओं से लैस किया जा रहा है. 

हर ग्राम पंचायत में पैक्स बनाने की योजना

सहकारिता मंत्रालय के अगस्त 2023 के डाटा के अनुसार देशभर में कुल 97961 लाख से अधिक  प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) हैं. इस संख्या को अगले 5 साल यानी 2029 तक बढ़कार 2 लाख के पार करने का लक्ष्य है. इसी क्रम में जनवरी 2024 तक 12000 नए पैक्स को रजिस्टर्ड किया जा चुका है. जबकि, 2020 में 10 पैक्स और 2023 में 102 नए पैक्स को रजिस्टर किया है. यानी नए पैक्स के रजिस्ट्रेशन में 10 गुना की तेजी दर्ज की गई है. सरकार का टारगेट है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पैक्स का निर्माण किया जाए. 

सबसे ज्यादा पैक्स 4 राज्यों में 

  • महाराष्ट्र में 21217 पैक्स हैं. 
  • उत्तर प्रदेश में 8929 पैक्स हैं.
  • गुजरात में 8484 स्थापित हैं.
  • बिहार में 8463 पैक्स स्थापित हैं. 

35 हजार से अधिक पैक्स दे रहीं सीएससी सेवाएं 

सहकारिता मंत्रालय के अनुसार अब PACS ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और आधार नामांकन जैसी 300 से अधिक सेवाएं दे रही हैं. अब तक 52,568 से ज्यादा PACS को CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड किया जा चुका है, जिनमें से 35,379 से अधिक PACS ने कॉमन सर्विस सेंटर की सेवाएं देना शुरू कर दिया है. बाकी 25 हजार से अधिक पैक्स को तेजी से सीएससी सेवाएं देने के लिए अधिकृत किया जा रहा है. 

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इन सेवाओं का लाभ उठाएंगे ग्रामीण 

वर्तमान में पैक्स पर केसीसी लोन, आधार अपडेट, बैंक खाता, कृषि दस्तावेज, खाद-बीज के साथ ही कीटनाशक दवाएं और कृषि उपकरणों की बिक्री की जा रही है. इसके साथ ही 300 से अधिक ऑफलाइन और ऑनलाइन सेवाएं दी जा रही है. 

  1. पैक्स के जरिए बैंक संबंधी सेवाएं
  2. गैस एजेंसी कनेक्शन और बुकिंग
  3. जन औषध‍ि केंद्र के रूप में दवा बिक्री
  4. अनाज खरीद केंद्र 
  5. खाद्यान्न भंडारण सेवाएं, 
  6. खाद-बीज वितरण
  7. खेती से जुड़े दस्तावेज अपडेशन 
     

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