NCDEX और आईएमडी के बीच बड़ा समझौता, अब कृषि के लिए 'वेदर डेरिवेटिव' होगा लॉन्च

NCDEX और आईएमडी के बीच बड़ा समझौता, अब कृषि के लिए 'वेदर डेरिवेटिव' होगा लॉन्च

एनसीडीईएक्स और भारत मौसम विज्ञान विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ. इस समझौते से भारत में पहली बार मौसम आधारित डेरिवेटिव लॉन्च होगा. इससे कृषि क्षेत्र के व्यापार को बड़ी मदद मिलेगी. बदलते जलवायु और कृषि पर उसके प्रभाव को देखते हुए इस समझौते को अहम माना जा रहा है.

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NCDEX और आईएमडी के बीच बड़ा समझौता, अब कृषि के लिए 'वेदर डेरिवेटिव' होगा लॉन्चकिसानों को नहीं मिल रहा उनकी फसल का पैसा

भारत के प्रमुख कृषि कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 26 जून को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता भारत के पहले मौसम डेरिवेटिव्स के लॉन्च के लिए महत्वपूर्ण माना जा रा है. लंबे समय से इसका इंतजार किया जा रहा था. इस समझौते को किसानों और उससे जुड़े क्षेत्रों को जलवायु संबंधी जोखिमों जैसे अनियमित बारिश, हीटवेव और बेमौसम मौसम की घटनाओं से बचाव करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. 

इस साझेदारी के साथ, NCDEX IMD से मिले वास्तविक समय के डेटासेट का उपयोग करके बारिश आधारित डेरिवेटिव उत्पाद तैयार करेगा. ये डेटासेट बड़े पैमाने पर क्लालिटी के तौर पर वेरिफाइड होंगे, जो बिल्कुल सटीक जानकारी देंगे. आईएमडी और एनसीडीईएक्स के सहयोग के तहत तैयार किए जाने वाले मौसम उत्पाद मौसमी और किसी स्थान विशेष डेरिवेटिव कांट्रेक्ट को सक्षम करेंगे. वे कृषि, परिवहन और उससे जुड़े उद्योगों में मौसम संबंधी जोखिमों पर खास जानकारियों को आगे बढ़ाएंगे.

कमोडिटी बाजार में खुलेगा नया रास्ता

एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ अरुण रस्ते ने कहा, "आईएमडी के साथ यह साझेदारी कमोडिटी बाजारों में एक नए युग का द्वार खोलती है. बदलती जलवायु के आधार पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में मौसम डेरिवेटिव लंबे समय से एक बड़ी जरूरत रहे हैं. जलवायु में उतार-चढ़ाव के कारण किसानों की उत्पादकता और आय पर तेजी से प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में ये उपकरण मौसम जोखिम के लिए बाजार आधारित समाधान मुहैया करते हैं. मुझे बहुत खुशी है कि एनसीडीईएक्स ने इस नवाचार को भारत में लाने में पहला कदम उठाया है, जिससे किसानों, व्यापारियों और यहां तक ​​कि पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्रों को जलवायु अनिश्चितता को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सशक्त बनाया जा सके.'

कृषि व्यापारियों को मिलेगी मदद

आईएमडी के डीजीएम डॉ. एम. महापात्रा ने कहा, "आईएमडी ने हमेशा कृषि और आपदा को संभालने में सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने आगे कहा, "एनसीडीईएक्स के साथ इस सहयोग के माध्यम से, हम अब अपनी वैज्ञानिक क्षमताओं को वित्तीय क्षेत्र में आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे मौसम डेटा आर्थिक स्थिरता और बाजार नवाचार का एक शक्तिशाली साधन बन सकता है." यह सहयोग एफपीओ, कृषि-व्यापारियों, नीति थिंक टैंक और विश्लेषकों सहित हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण, संयुक्त अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मदद करेगा.

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