एग्रोटेक 2025 में दिखा भविष्य का भारतअकोला में किसानों के लिए एक बहुत बड़ा और खास कार्यक्रम शुरू हुआ है. इसका नाम है ‘एग्रोटेक 2025’. यह कृषि प्रदर्शनी स्वतंत्र भारत के पहले कृषि मंत्री स्वर्गीय डॉ. पंजाबराव देशमुख की 127वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई है. यह प्रदर्शनी 27 से 29 दिसंबर तक डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के क्रीडांगण में हो रही है. यहां खेती से जुड़ी नई तकनीक, परंपरा और ज्ञान एक साथ देखने को मिल रहा है.
एग्रोटेक 2025 में किसानों को खेती के नए और आसान तरीके सिखाए जा रहे हैं. यहां ड्रोन से खेती, फसलों पर दवा और खाद का छिड़काव, जैविक खेती और गोधन पशुपालन की जानकारी दी जा रही है. ड्रोन तकनीक किसानों के लिए बहुत मददगार है, क्योंकि इससे कम समय में ज्यादा काम हो जाता है. जिन किसानों को मजदूर नहीं मिलते, उनके लिए यह तकनीक बहुत फायदेमंद है.
इस प्रदर्शनी में करीब 5 एकड़ में फैला बड़ा परिसर बनाया गया है. यहां 550 से अधिक स्टॉल लगे हैं. इन स्टॉलों में बीज, खाद, उर्वरक, नए कृषि यंत्र, और कंप्यूटर व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी खेती की तकनीक दिखाई जा रही है. साथ ही, स्वयंसहायता समूहों द्वारा बनाए गए देसी उत्पाद भी यहां मिल रहे हैं.
एग्रोटेक 2025 की पुष्प प्रदर्शनी बहुत ही सुंदर है. यहां रंग-बिरंगे फूल, बोन्साय पौधे, इंडोर प्लांट्स और लताएं सजाई गई हैं. बच्चे और बड़े सभी इन फूलों को देखकर खुश हो रहे हैं. यह प्रदर्शनी लोगों को प्रकृति से जुड़ने का संदेश भी देती है.
यहां पशुप्रदर्शनी भी लगाई गई है. इसमें साहिवाल, देवणी, खिल्लार, लाल कंधारी और जर्सी जैसी गायों को दिखाया गया है. सबसे बड़ा आकर्षण है देश की सबसे छोटी गाय ‘पुंगनूर’, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. बच्चे इस गाय को देखकर बहुत खुश हो रहे हैं.
एग्रोटेक 2025 में बैलगाड़ी सफारी, ताजे फलों के जूस और देसी खाने के स्टॉल भी लगे हैं. यहां लोग गांव की संस्कृति और पुराने समय की खेती को करीब से देख पा रहे हैं. साथ ही, पशुपालन, डेयरी, बकरी पालन और मुर्गी पालन की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है.
इस प्रदर्शनी में विदर्भ, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों से भी किसान और युवा आ रहे हैं. आयोजकों के अनुसार, सिर्फ दो दिनों में चार लाख से ज्यादा लोग इस कृषि प्रदर्शनी को देख चुके हैं.
कुल मिलाकर, अकोला की एग्रोटेक 2025 खेती के भविष्य को दिखाने वाला एक बड़ा मंच है. यहां आधुनिक तकनीक और भारतीय कृषि परंपरा दोनों एक साथ नजर आती हैं. किसानों को सबसे ज्यादा पसंद आया छिड़काव करने वाला ड्रोन, जिसकी जानकारी हमारे संवाददाता धनंजय साबले ने किसानों से बात करके ली. यह प्रदर्शनी किसानों, बच्चों और आम लोगों के लिए सीखने और देखने का एक अनोखा अवसर है.
ये भी पढ़ें:
Gehu Gyan: गेहूं की फसल के लिए क्यों जरूरी है कोहरा, ये है कुछ खास वजहें
MP के किसानों को मिली बड़ी खुशखबरी, CM Mohan Yadav ने इन किसानों के खाते में भेजे पैसे
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today