देश के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर को और बेहतर करने के साथ ही ग्राहकों को राहत देने के इरादे से सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) अब हेल्थ इंश्योरेंस के सेक्टर में कदम रखने जा रही है. सरकार द्वारा संचालित बीमा दिग्गज LIC हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में उतरने के लिए इस सेक्टर में पहले से काम कर रही किसी कंपनी का अधिग्रहण करने की संभावनाएं भी तलाश रही है.
एलआईसी की फाइनेंशियल हेल्थ में काफी सुधार हुआ है और वह प्रॉफिट में है. एलआईसी ने मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में 13,762 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 13,427 करोड़ से 2 फीसदी से भी अधिक है. हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में निजी कंपनियों की मोनोपॉली एलआईसी के आने से खत्म हो जाएगी. सरकार की ओर से कंपोजिट इंश्योरेंस कंपनियों को मंजूरी देने के प्रस्ताव के बीच एलआईसी ने भी Health Insurance सेक्टर में उतरने के लिए कमर कस ली है.
एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती (Siddhartha Mohanty) ने कहा कि हमें ऐसी उम्मीद है कि कंपोजिट लाइसेंस की मंजूरी दी जा सकती है और हमने ग्राउंड लेवल पर कुछ काम भी कर लिया है. हम स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) में अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं और तमाम विकास के अवसरों पर भी विचार कर रहे हैं. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक संसदीय पैनल ने फरवरी 2024 में लागत और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए समग्र बीमा यानी कंपोजिट लाइसेंस शुरू करने का सुझाव दिया था.
अभी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां (Life Insurance Firms) केवल हेल्थ इंश्योरेंस के तहत लॉन्ग टर्म बेनिफिट दे सकती हैं और इन्हें अस्पताल में भर्ती होने के बाद या फिर किसी अन्य तरह की क्षतिपूर्ति कवर देने के लिए बीमा एक्ट में संशोधन की जरूरत होगी. इसके लिए संसद की एक एक समिति ने बीमा कंपनियों के खर्च और अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए कंपोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस शुरू करने का सुझाव दिया था.
बता दें कि 2022-23 के अंत में 2.3 करोड़ से कम हेल्थ इंश्योरेंस कवर जारी किए गए, जो 55 करोड़ लोगों को कवर करते हैं. सरकार और बीमा नियामक इरडा का मानना है कि अधिक स्वास्थ्य कवर जारी किए जाएं और LIC के हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री से इसमें तेजी आने की उम्मीद है. ये बड़ा कारण है कि एलआईसी ने अब हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है.
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