पन्ना में मजदूर की चमकी किस्मत पन्ना में एक बार फिर मजदूर की किस्मत चमकी है. बीटीआई चौक, पन्ना निवासी मजदूर सुरेश कुमार कोरी ने महज 9 दिन की मेहनत के बाद 1.38 कैरेट का जैम्स क्वालिटी का चमचमाता हीरा पाया. सुरेश कुमार ने इसी महीने 13 तारीख को पटी उथली हीरा खादन क्षेत्र में पट्टा लेकर खदान लगाई थी. दीपावली के शुभ दिन 22 अक्टूबर को उन्हें यह दुर्लभ हीरा मिला, जिसे उन्होंने 24 अक्टूबर को हीरा कार्यालय में जमा कराया. पन्ना को भारत में 'हीरों की धरती' के रूप में जाना जाता है. यहां अक्सर लोगों को खुदाई के दौरान बेशकीमती हीरे मिलते हैं.
पहली बार खदान लगाने वाले सुरेश कुमार का कहना है कि नीलामी से मिलने वाले पैसों से वह अपने मकान का छपाई कार्य करवाएंगे और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर खर्च करेंगे. हीरा पारखी अनुपम सिंह के अनुसार, इस हीरे की अनुमानित कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये है और इसे आगामी नीलामी में रखा जाएगा. पन्ना की इस घटना ने साबित कर दिया कि यह धरती किसी को भी रंक से राजा बनाने की ताकत रखती है.
मध्य प्रदेश के पन्ना में इससे पहले भी कई किसानों और मजदूरों को हीरे मिलने की खबरें आई हैं. हीरा मिलने से उनकी किस्मत रातोंरात बदल गई है. एक किसान को तो यहां पर 7.44 कैरेट का हीरा मिला था जिसकी अनुमानित कीमत करीब 20 लाख रुपये बताई जा रही थी. जबकि एक और मजदूर को 1.38 कैरेट का हीरा मिला था जिसकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है. इन सभी हीरों को पन्ना हीरा कार्यालय में जमा करा दिया जाता है. इसके बाद इन हीरों की नीलामी की जाती है.
पन्ना जिले को देशभर में हीरों की धरती कहा जाता है. यहां की मिट्टी कब किसे रंक से राजा बना दे, कोई नहीं जानता. इस साल की शुरुआत में यहां के गहरा गांव के किसान ठाकुर प्रसाद यादव के साथ. वह कई सालों से अपने खेत में हीरे की खदान चला रहे थे. लगातार मेहनत और उम्मीदों के बाद आखिरकार 4 कैरेट 24 सेंट का चमचमाता हीरा उनके हाथ लगा. हीरा मिलते ही ठाकुर प्रसाद की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने इसे हीरा कार्यालय में जमा करा दिया.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today