रामायण के मुताबिक कैकेयी के जिद के कारण श्रीराम को वनवास हुआ था. दासी मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी ने राजा दशरथ से वचन मांगा था. उन्होंने अपने बेटे भरत के लिए राजगद्दी और राम को 14 वर्ष के लिए वनवास का वचन मांगा. जिस वजह से श्रीराम को 14 साल के लिए वन में जाकर अपना जीवन काटना पड़ा था. भगवान श्री राम के साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ गए थे. ये तीनों अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर थे. वे जंगल से जो कुछ भी मिलता उसे खाकर अपना जीवन व्यतीत करते थे.
14 वर्षों तक भगवान राम, सीता और भाई लक्ष्मण ने कंद मूल खाकर अपना जीवन व्यतीत किया था. दरअसल, इसे खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती थी. कंदमूल फल खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता था और ऊर्जा मिलती थी. जंगल में रह रहे लोगों ने भगवान राम को कंदमूल के बारे में बताया थे. आपको बता दें कि पहले ऋषि मुनि भी इसे खाकर अपना जीवन व्यतीत करते थे. यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद और गुणों से भरपूर है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या हैं इसके फायदे.
कंद फल कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी से भरपूर होता है. इसके साथ ही यह फल इम्युनिटी बूस्टर भी होता है, जिसका सेवन सर्दी-जुकाम में भी किया जा सकता है.
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कंदमूल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. इसे खाने से पेट काफी देर तक भरा रहता है, जिससे भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. साथ ही फाइबर मेटाबॉलिज्म को भी तेज करता है. यह फैट को आसानी से पचाता है और वजन तेजी से कम करता है.
कंदमूल खाने से शरीर में आयरन की कमी दूर हो जाती है. साथ ही हीमोग्लोबिन में भी बढ़ोतरी होती है. कंद फल में विटामिन सी पाया जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होता है.
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