Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय कृषि मंत्रालय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के साथ मिलकर 29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाएगा. इसके तहत देश के विभिन्न गांवों में किसानों को खरीफ फसलों के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज 19 मई 2025 को राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा मंत्र है एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम. ताकि किसान वैज्ञानिकों से चर्चा कर सकें. इससे किसान और विज्ञान एक साथ आ सकेंगे. इतना ही नहीं, वैज्ञानिक चर्चा के अनुसार किसानों की समस्याओं पर शोध करेंगे और फिर उसके अनुसार किसानों को समाधान दिया जाएगा. हमारा उद्देश्य इस अभियान को इस इरादे से शुरू करना है कि किसान लाभ के लिए खेती करें.
इस अभियान का मकसद खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों, पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन आदि से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक करना. किसानों के लिए उपयोगी विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करना ताकि उसमें उपलब्ध जानकारी के अनुसार उन्हें फसलों के चयन और उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके. साथ ही किसानों से फीडबैक लेना ताकि वैज्ञानिकों को उनके द्वारा किए गए नवाचार के बारे में पता चल सके और उसके अनुसार अनुसंधान को दिशा दे सकें.
इस अभियान को सही तरीके से चलाने के लिए देश के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ, 113 आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिक, राज्यों के कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. यह अभियान जिला स्तर पर केवीके द्वारा चलाया जाएगा. हर जिले में तीन टीमें बनाई गई हैं और प्रत्येक टीम में 4-5 विषय विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, विभिन्न विभागों के अधिकारी, नवाचारी किसान आदि शामिल हैं. हमारे पास 16 हजार कृषि वैज्ञानिक हैं. अभियान के लिए हम 2170 टीमें बनाएंगे. एक टीम में चार साइंटिस्ट होंगे जो किसानों की मदद करेंगे.
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हर टीम रोज तीन ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी और 500-600 किसानों से सीधे बात करेगी. इस कार्यक्रम के तहत 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से सीधे संपर्क किया जाएगा और उनसे बात किया जाएगा. कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से आदिवासी बहुल, आकांक्षी और प्रतिकूल परिस्थितियों वाले गांवों के किसानों को जागरूक किया जाएगा.
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अभियान के अंतर्गत चर्चा के मुख्य विषय- प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार, किसानों को कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग साथ ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बारे में जानकारी के साथ-साथ विभिन्न आधुनिक तकनीकों को भी वीडियो के माध्यम से दिखाया जाएगा. किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार और कृषि के संबंधित विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. किसानों को खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसलों के उन्नत बीजों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करना ताकि उसमें उपलब्ध जानकारी के अनुसार फसलों के चयन और उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी जाएगी. किसानों को पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन आदि से संबंधित आधुनिक तकनीकों जैसे पोषण, साइलेज, रोग और उसकी रोकथाम आदि के बारे में चर्चा की जाएगी.
खरीफ फसलों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा कर टीमों द्वारा समाधान बताए जाएंगे और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए सही दिशा में काम किया जाएगा. सोयाबीन फसल के उचित प्रबंधन के लिए मशीनों के उपयोग के मद्देनजर इसकी आवश्यक जानकारी किसानों को दी जाएगी. संबंधित विभाग किसानों की आवश्यकता के आधार पर सहयोग प्रदान करेंगे. इन फसलों के अलावा किसानों को उच्च मूल्य आधारित कृषि, विशेषकर डेयरी और बागवानी के साथ विविधीकरण के प्रति जागरूक किया जाएगा.
"लैब टू लैंड" की मांग को धरातल पर लागू करने के लिए, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मई से 12 जून, 2025 तक प्री-खरीफ सीजन के दौरान "विकसित कृषि संकल्प अभियान" नामक एक राष्ट्रीय आउटरीच पहल शुरू कर रहा है.
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