250 रुपये किलो आटा, 10000 रुपये किलो बीज: आखिर क्यों इतना बेशकीमती है यह गेहूं?

250 रुपये किलो आटा, 10000 रुपये किलो बीज: आखिर क्यों इतना बेशकीमती है यह गेहूं?

खपली गेहूं, जिसे प्राचीन गेहूं भी कहा जाता है, सामान्य गेहूं की तुलना में ज्यादा पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक है. कम उत्पादन, कठिन हार्वेस्टिंग और बेहतरीन पोषण गुणों के कारण इसका आटा 250 रुपये किलो तक बिकता है. जानिए क्यों खपली गेहूं मधुमेह रोगियों और हेल्थ कॉन्शस लोगों की पहली पसंद बन रहा है.

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250 रुपये किलो आटा, 10000 रुपये किलो बीज: आखिर क्यों इतना बेशकीमती है यह गेहूं?खपली गेहूं के फायदे कई

आपने खपली गेहूं का नाम सुना होगा, हो सकता है उसका आटा खाया भी होगा. अगर ऐसा है तो आपको आटे का भाव भी पता होगा. जी हां, ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर खपली गेहूं का आटा 250 रुपये किलो तक बिक रहा है. इसके बीज की कीमत की बात करें तो वह 10,000 रुपये किलो तक है. ऐसे में सवाल उठता है कि खपली गेहूं में ऐसा क्या खास है जो इसे 'बेशकीमती' बनाता है. यह गेहूं क्यों खास है, इसे समझने के लिए एक मुख्य बात जान लें. इसकी खेती भले ही सामान्य गेहूं की तरह होती है, लेकिन इसकी हार्वेस्टिंग थोड़ी कठिन होती है. यहां तक कि सामान्य गेहूं वाले हार्वेस्टर या थ्रेशर से इसकी हार्वेस्टिंग नहीं हो पाती. तो आइए कुछ और भी दिलचस्प बातें खपली गेहूं के बारे में जान लेते हैं.

खपली गेहूं, जिसे प्राचीन गेहूं भी कहा जाता है, सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक पुराना और पौष्टिक है. यह मुख्य रूप से पारंपरिक तरीके से उगाया जाता है और इसमें न्यूनतम अनुवांशिक बदलाव हुए हैं. इसके दाने लंबे और पतले होते हैं, जबकि सामान्य गेहूं के दाने मोटे और पीले भूरे रंग के होते हैं.

खपली गेहूं का उत्पादन

खपली गेहूं का उत्पादन सामान्य गेहूं की तुलना में कम है. एक एकड़ में 12 से 14 क्विंटल उपज मिलती है. इसी वजह से कम किसान इसकी खेती करते हैं क्योंकि व्यावसायिक तौर पर उनके लिए इसकी खेती कम लाभदायक है. हार्वेस्टिंग के दौरान खपली गेहूं जब अपने कवर (भूसे) से बाहर आता है तो उसका वजन कम हो जाता है जिससे उत्पादन में गिरावट होती है. किसान के नाते यह थोड़ा घाटे का सौदा है. लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ बहुत हैं, तभी यह गेहूं इतना महंगा बिकता है.

पोषण और स्वास्थ्य लाभ

खपली गेहूं सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज जैसे आइरन, मैग्नीशियम और जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, खपली गेहूं में ग्लूटन की मात्रा कम होती है, जो इसे पचाने में आसान बनाता है. यह कमजोर पाचन और ग्लूटन की समस्या वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है.

मधुमेह रोगियों के लिए सही

खपली गेहूं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सामान्य गेहूं की तुलना में कम होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह मापता है कि कोई भोजन कितनी तेजी से ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है. खपली गेहूं ब्लड शुगर के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाता है.

स्वाद और बनावट

खपली गेहूं का स्वाद सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक विशिष्ट होता है. इसका आटा लाल भूरे रंग का होता है और इसकी बनावट थोड़ी खुरदुरी होती है. खपली गेहूं से बनी चपाती, पोली और अन्य खाद्य पदार्थ अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं.

उत्पादन और कीमत

सामान्य गेहूं की तुलना में खपली गेहूं का उत्पादन कम होता है. इसे पूरी तरह से तैयार होने में अधिक समय लगता है, जिससे इसकी कीमत सामान्य गेहूं से अधिक होती है. हालांकि, इसके पोषण और स्वास्थ्य लाभ इसे एक कीमती विकल्प बनाते हैं.

खपली गेहूं सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. यह विशेष रूप से मधुमेह रोगियों और कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए उपयुक्त है. हालांकि इसकी कीमत अधिक है, लेकिन इसके पोषण और स्वास्थ्य लाभ इसे एक बेहतर विकल्प बनाते हैं.

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