भारत का भैंस मांस (कैरेबीफ) निर्यात 4 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख टन से अधिक हो सकता है. इसके बारे में यूएसडीए पोस्ट दिल्ली ने बताया है कि भैंस के मांस की मांग मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका के देशों से बढ़ रही है. लिहाजा, 2025 के दौरान भारत का कैरेबीफ निर्यात 4 फीसद बढ़कर 1.65 मिलियन टन (10.6 लाख टन) हो सकता है. 2024 में कैरेबीफ निर्यात तकरीबन 10.58 लाख टन रहने का अनुमान है.
नई दिल्ली में यूएसडीए की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र में भारत के भैंस मांस की मांग कम हो सकती है. हालांकि यहां इसकी मांग हमेशा से अच्छी देखी गई है. मिस्र में इस साल कैरेबीफ की खेप कम जाने की संभावना है. हालांकि, मलेशिया, वियतनाम, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे बाजारों में भारतीय कैरेबीफ निर्यात में लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है.
इसके अलावा, ओमान, सेनेगल, रूस और उज्बेकिस्तान सहित कुछ अन्य देशों में भारतीय कैरेबीफ की निर्यात बढ़ सकती है. रिपोर्ट बताती है कि कुछ देश ऐसे भी हैं जहां भारत के मैंस मांस की मांग कम देखी गई है, लेकिन आने वाले समय में इसमें तेजी दर्ज की जा सकती है.
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एपीडा के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों में भारत का भैंस के मांस का निर्यात 5.53 टन से अधिक था, जिसकी कीमत 1,806 मिलियन डॉलर थी. एक साल पहले इसी अवधि में भैंस के मांस का निर्यात 6.1 टन से अधिक था, जिसकी कीमत 1,734.40 मिलियन डॉलर थी. वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में वियतनाम सबसे बड़ा खरीदार था, जिसकी मात्रा 1.06 टन से अधिक थी, जिसकी कीमत 364.70 मिलियन डॉलर थी. इसके बाद मिस्र का स्थान रहा, जिसकी मात्रा 96,152 टन थी, जिसकी कीमत 307.45 मिलियन डॉलर थी.
मलेशिया भारतीय भैंस के मांस के निर्यात का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसकी मात्रा 76,282 टन थी. इसकी कीमत 248.70 मिलियन डॉलर थी. इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, फिलीपींस, जॉर्डन और ओमान इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारतीय भैंस के मांस के टॉप दस खरीदारों में शामिल थे.
इसके अलावा, यूएसडीए पोस्ट का अनुमान है कि भारत का 2025 बीफ़ उत्पादन (ज़्यादातर कैरेबीफ़) स्थिर घरेलू और निर्यात मांग के कारण 4.57 मीट्रिक टन से बढ़कर 4.64 मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है. इसने कहा कि खाद्य महंगाई की मौजूदा चिंताओं के कारण 2025 में घरेलू खपत 2024 की तरह ही 2.99 मीट्रिक टन रहने की उम्मीद है.
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भारत में मवेशियों की संख्या पिछले साल की तरह इस साल भी लगभग 3070 लाख रहने का अनुमान है. अगले साल बछड़ों की तादाद बढ़कर 710 लाख तक जाने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार डेयरी विकास, पशुओं के स्वास्थ्य और ब्रीडिंग पर फोकस कर रही है जिससे बछड़ों की संख्या में तेजी देखी जा रही है.
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