वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स भरने का अंतिम मौका नजदीक है. नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग ने यदि 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो उन्हें बिलेटेड आइटीआर फाइल करना है. इसके अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन, डेयरी संचालन से कमाई भी टैक्स के दायरे में आती है. ऐसे में यदि ऐसी गतिविधियों से कमाई करते हैं और आपकी सालाना कमाई टैक्स योग्य है तो आपको आइटीआर फाइल करना होगा, फिर आप गांव में रहते हों या शहर में.
आयकर अधिनियम 1961 के तहत एग्रीकल्चर इनकम यानी कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई है. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कृषि से जुड़ी कुछ गतिविधियों से की गई कमाई टैक्स के दायरे में रखी गई है. मुर्गीपालन, ऊन उत्पादन के लिए भेड़ पालन, मुर्गी पालन या फिर डेयरी संचालन जैसी कृषि गतिविधियों की कमाई टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि, कई राज्य अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार कृषि आय पर टैक्स लगाते हैं.
वित्त मंत्रालय के अनुसार सालाना 3 लाख रुपये से अधिक की कमाई करने वाले आइटीआर दाखिल कर सकते हैं. जबकि, 5 लाख से अधिक सालाना कमाई करने वालों को आइटीआर दाखिल करना होता है. हालांकि, सरकार ने 7 लाख रुपये तक सालाना कमाई पर टैक्स छूट का लाभ दिया है. आइटीआर फाइलिंग से आप सरकार को अपनी कमाई, बचत का ब्योरा देते हैं. इससे किसी भी तरह का लोन लेना आसान होता है, जबकि कई अन्य कार्यों के लिए भी आइटीआर बड़े काम आता है.
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वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2023 थी. यदि इस समय सीमा से चूक गए हैं तो बिलेटेड आईटीआर दाखिल करना होगा. लेकिन, इसके लिए 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये लेट फीस के रूप में चुकानी होगी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बिलेटेड आइटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है.
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