Maharashtra: शरद पवार का दावा या शाह का वादा... अब तक मिली महाराष्‍ट्र के किसान को कितनी मदद

Maharashtra: शरद पवार का दावा या शाह का वादा... अब तक मिली महाराष्‍ट्र के किसान को कितनी मदद

राज्य में करीब 1.4-1.5 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसलें बोई जाती हैं, जिनमें मुख्यतः सोयाबीन, गन्ना और दालें शामिल हैं. शाह ने बताया कि इसमें से करीब 60 लाख हेक्टेयर यानी लगभग 40 प्रतिशत कृषि भूमि पर खड़ी फसलें हाल ही में हुई भारी बारिश से प्रभावित हुई हैं. उनका कहना था कि केंद्र सरकार पिछले वर्ष की सहायता राशि में से 3,132 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुकी है.

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Maharashtra: शरद पवार का दावा या शाह का वादा... अब तक मिली महाराष्‍ट्र के किसान को कितनी मदद Maharashtra Flood: महाराष्‍ट्र के किसानों को मिली मदद पर घमासान

महाराष्‍ट्र के किसानों और खेती के लिए सितंबर का महीना एक काला महीना रहा है. इस महीने हुई भारी बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी. खेतों में लगी फसल सड़ गई और किसानों को बड़ा नुकसान हुआ. अब सरकार के रवैये पर एनसीपी मुखिया और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से किसान तबाह हो गए हैं तो वहीं केंद्र की तरफ से अभी तक किसी भी तरह की मदद का ऐलान नहीं किया गया है. उनका कहना था कि किसानों ने 50,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता की मांग की. दूसरी तरफ रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार राज्‍य के किसानों के साथ खड़ी है. एक नजर डालिए कि अब तक कितनी मदद किसानों को मिल चुकी है.

केंद्र ने की कितनी मदद 

राज्य में करीब 1.4-1.5 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसलें बोई जाती हैं, जिनमें मुख्यतः सोयाबीन, गन्ना और दालें शामिल हैं. शाह ने बताया कि इसमें से करीब 60 लाख हेक्टेयर यानी लगभग 40 प्रतिशत कृषि भूमि पर खड़ी फसलें हाल ही में हुई भारी बारिश से प्रभावित हुई हैं. उनका कहना था कि केंद्र सरकार पिछले वर्ष की सहायता राशि में से 3,132 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुकी है, जिसमें इस वर्ष अप्रैल में जारी 1,631 करोड़ रुपये शामिल हैं. 

शाह ने बताया कि महाराष्‍ट्र सरकार ने भी 2,215 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की है, जिससे 31 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की परेशानी कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. शाह ने कहा, 'महाराष्‍ट्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 10,000 रुपये की नकद सहायता और 35 किलोग्राम अनाज प्रदान किया है. ऋण वसूली रोक दी गई है, ई-केवाईसी मानदंडों में एक बार ढील दी गई है, और रेवेन्‍यू टैक्‍स और स्कूल फीस में भी राहत दी गई है.' 

राज्‍य सरकार का दावा 

राज्‍य सरकार का भी दावा है कि उसकी तरफ से अब तक किसानों  को 2,215 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद को मंजूरी दी गई है. इसमें से 1,829 करोड़ रुपये पहले ही ज़िलों को जारी किए जा चुके हैं और अगले 10 दिनों के भीतर किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाएंगे.  इससे पहले राज्‍य के डिप्‍टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि महाराष्‍ट्र सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए धनराशि वितरित कर रही है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दिवाली से पहले राहत राशि उन सभी तक पहुंच जाए. 

महाराष्‍ट्र में लगातार बारिश के कारण 31 जिलों में करीब 50 लाख हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है और सरकार के अनुसार अब तक राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ ) से वित्तीय सहायता जारी की जा चुकी है.  सीएम फडणवीस ने भरोसा दिलाया था कि राज्य में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सभी सरकारी तंत्र युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं.  राज्य के कई हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा में 20 सितंबर से भारी बारिश हुई और बाढ़ आ गई है. इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ और किसान भी परेशान रहे. 

विपक्ष ने मदद को बताया बेहद कम  

विपक्ष किसानों के लिए जारी होने वाली राहत राशि को लेकर लगातार आक्रामक बना हुआ है. उसका कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से किसानों को बहुत कम मदद मिली है. महाराष्‍ट्र कांग्रेस के मुखिया हर्षवर्धन सपकाल ने अब तक घोषित राहत राशि को 'थोड़ा सा' बताया है. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य सरकार को प्रभावित किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की राहत राशि की घोषणा करनी चाहिए. 

क्‍या मदद मांगने फडणवीस ने की देरी 

एनसीपी मुखिया शरद पवार ने रविवार को महाराष्‍ट्र सरकार पर राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र को अंतिम प्रस्ताव पेश करने में देरी करने का आरोप लगाया.  उन्होंने पुणे में कहा कि सरकारी सहायता मिलने में देरी के कारण लोगों में व्यापक असंतोष है. पूर्व कृषि मंत्री पवार के अनुसार राज्य सरकार की देरी केंद्र से मदद हासिल करने में असफलता का बड़ा कारण है. उन्‍होंने कहा, 'जब मैंने केंद्र से पूछताछ की, तो मुझे बताया गया कि महाराष्‍ट्र सरकार ने अभी तक नुकसान के लिए 'अंतिम प्रस्ताव' पेश नहीं किया है.' 

उनका कहना था कि राज्य सरकार को बिना किसी देरी के तुरंत केंद्र को प्रस्ताव भेजना चाहिए और किसानों के लिए धनराशि हासिल करनी चाहिए. पवार के अनुसार, सितंबर में विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और राज्य में 70 लाख एकड़ क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं. भारी बारिश के कारण भूमि का कटाव हुआ है, घर ढह गए हैं और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. 

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