Heat Wave Alert: लू से मध्‍य प्रदेश में गेहूं नुकसान को लेकर IMD का अलर्ट! क्‍या है मामला 

Heat Wave Alert: लू से मध्‍य प्रदेश में गेहूं नुकसान को लेकर IMD का अलर्ट! क्‍या है मामला 

IMD ने इस लू के मद्देनजर मध्‍य प्रदेश में गेहूं को लेकर भी अलर्ट किया है. आइए इसी कड़ी में जानने की कोशिश करते हैं कि मध्‍य प्रदेश में गेहूं को लेकर IMD की तरफ से जारी किए गए अलर्ट के मायने क्‍या हैं.

Advertisement
Heat Wave Alert: लू से मध्‍य प्रदेश में गेहूं नुकसान को लेकर IMD का अलर्ट! क्‍या है मामला अप्रैल में लू का अलर्ट, गेहूं को कितना नुकसान

साल 2022 की बात है. 26 फरवरी 2022 की तारीख दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गई. इसी दिन से रूस-यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत हुई, जो आज तक जारी है. रूस-यूक्रेन युद्ध की उठापटक मौजूदा वक्‍त में बेशक घड़ियों की सुईयों की तरह सामान्‍य हो गई हैं, लेकिन युद्ध की शुरुआत के वक्‍त दुनिया इससे हलकान हो गई थी. दुनिया के अमूमन सभी देश दो धड़ों में बंट गए थे, लेकिन देशों के इन धड़ों के बीच भारतीय किसानों के लिए युद्ध बेहतर अवसर लेकर आया था.

मसलन, दुनिया को गेहूं का सप्‍लायर माने जाने वाले रूस-यूक्रेन के युद्ध फंसने के कारण दुनिया में गेहूं का संंकट गहरा गया, जिसे देखते हुए दुनिया के देश भूख मिटाने के लिए भारत की ओर देखने लगे. इस सूरत में भारत नया ग्‍लोबल गेहूं एक्‍सपोर्ट लीडर बनता हुआ दिखा. नतीजतन, किसानों काे गेहूं के बेहतर दाम मिलने लगे, लेकिन नियति को भारत की गेहूं के मोर्चे में ये नई भूमिका पसंद नहीं आई और मार्च-अप्रैल में वक्‍त से पहले पड़ी गर्मी यानी लू की वजह से किसानों की खेत में खड़ी गेहूं की फसल खराब हो गई और उत्‍पादन में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिसे देखते हुुए 13 मई को भारत काे गेहूं एक्‍सपोर्ट बैन करना पड़ा, जो अभी तक जारी है, लेकिन इस बीच एक बार फिर अप्रैल 2024 में IMD ने लू का अलर्ट जारी किया है.

ये भी पढ़ें- Wheat Procurement: MSP पर गेहूं खरीद के क्‍या हैं नियम, नमी-सिकुड़े दानों का क्‍या है गणित 

साथ ही IMD ने इस लू के मद्देनजर मध्‍य प्रदेश में गेहूं को लेकर भी अलर्ट किया है. आइए इसी कड़ी में जानने की कोशिश करते हैं कि मध्‍य प्रदेश में गेहूं को लेकर IMD की तरफ से जारी किए गए अलर्ट के मायने क्‍या हैं.

पहले अप्रैल में Heat Wave पर बात

 IMD ने बीते दिनाें गर्मी को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. उसमें अप्रैल के महीने के पूर्वानुमान में हीट वेब को लेकर IMD ने अलर्ट जारी किया है. IMD की तरफ से जारी पूर्वानुमान के अनुसार अप्रैल के महीने मध्‍य भारत, उत्‍तर भारत से जुड़े मैदानी क्षेत्रों के साथ ही दक्षिणी भारत में सामान्‍य से अधिक हीट वेब के दिन दर्ज किए जा सकते हैं, जिसके तहत इन क्षेत्रों में अप्रैल के महीने 2 से 8 दिन हीट वेब के दिन रह सकते हैं, जबकि अप्रैल के महीने में 1 से 3 दिन हीट वेब चलने को सामान्‍य माना जाता है. IMD के पूर्वानुमान के अनुसार हीट वेब के लिहाज से गुजरात, महाराष्‍ट्र, नार्थ कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और वेस्‍ट एमपी का क्षेत्र संवदेनशील है.

ये भी पढ़ें- Wheat Procurement के बीच गेहूं पर रहेगी सरकार की नजर! गेहूं स्‍टाॅक पर नया आदेश 


गेहूं पर Heat Wave को लेकर IMD का क्‍या अलर्ट

IMD ने गेहूं पर Heat Wave के प्रभाव को लेकर भी जानकारी दी है, जिसके तहत IMD ने कहा है कि मध्‍य प्रदेश को छोड़कर देश के अन्‍य गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए Heat Wave की कोई चेतावनी नहीं है. IMD की तरफ से जारी पूर्वानुमान के अनुसार मध्‍य प्रदेश में मौजूदा समय में तापमान 37 से 40 डिग्री के आसपास है, आने वाले दिनों तापमान 42 तक जाने की संभावना है. वहीं तापमान 35 डिग्री से ऊपर जाने पर भी पंजाब, हरियाणा में कोई असर नहीं होगा.

देश में गेहूं का दूसरा बड़ा उत्‍पादक एमपी

मध्‍य प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्‍पादक राज्‍य है. कृषि मंत्रालय के साल 2022-23 के गेहूं उत्‍पादन के आंकड़ों की बात करें तो 336 मीट्रिक टन गेहूं उत्‍पादन के साथ यूपी पहले स्‍थान पर था. जबकि 227.30 मीट्रिक टन गेहूं उत्‍पादन के साथ देश में दूसरे स्‍थान पर है. 

गेहूं, मध्‍य प्रदेश, Heat wave को लेकर IMD का अलर्ट 

IMD ने Heat Wave के मद्देनजर मध्‍य प्रदेश को लेकर अलर्ट जारी किया है. इसके पीछे की वजह भी IMD ने बताई है. असल में 26 मार्च को देश में गेहूं की समीक्षा की गई थी, जिसमें बाकी राज्‍यों में फसल पक कर तैयार थी, लेकिन मध्‍य प्रदेश में सिर्फ 75 फीसदी ही फसल कटाई के लिए तैयार थी. अब मध्‍य प्रदेश में लू की संभावना है तो वहीं 25 फीसदी कटाई के लिए तैयार नहीं है, जिसको लेकर चिंता की बात बनी हुई है. वहीं विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि लू चलने तक एमपी में 90 फीसदी गेहूं की कटाई हो जाएगी.

बाकी राज्‍यों में  गेहूं को लेकर क्‍यों नहीं चिंता 

अप्रैल में हीट वेब बढ़ने से अन्‍य राज्‍यों में गेहूं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. असल में इसको लेकर कृषि मंंत्रालय सक्रिय है, जो सैटेलाइट से निगरानी बनाए हुए हैं. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि देश में 80 से 85 फीसदी गेहूं अगेती किस्‍म का 30 नवंबर तक बोया गया है, जिसकी अप्रैल तक कटाई हो जाएगी. वहीं देश में 70 फीसदी गेहूं गर्मी रोधी किस्‍म का है, जिस पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.

POST A COMMENT