हरियाणा सरकार ने किसानों और मजदूरों को कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए 50 कैंटीन खोलने की बात कही है. राज्य में पहले से ही 48 कैंटीन चालू हैं, जिनके जरिए किसानों और मजदूरों को 10 रुपये में अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना के तहत मंडियों में कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिसंबर 2019 को पहली कैंटीन करनाल में शुरू की गई थी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिंजौर में सेब, फल और सब्जी मंडी के पहले चरण के उद्घाटन के मौके पर किसानों के लिए कई लाभ देने की घोषणा की है. एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीएम ने कहा कि किसानों की उपज की उचित दाम पर बिक्री के लिए राज्य में 3 मंडियों का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गन्नौर में बागवानी मंडी बनाई जा रही है. गुरुग्राम में फूलों की मंडी का निर्माण किया जा रहा है. सोनीपत के सेरसा गांव में करीब 16 एकड़ जमीन पर 35 करोड़ रुपये की लागत से मसाला मंडी बनाई जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना के तहत सरकार ने किसानों और मजदूरों को पूरे साल 10 रुपये प्रति प्लेट की रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए कैंटीन की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत राज्य में 50 से अधिक और कैंटीन खोली जाएंगी, जिनके माध्यम से किसान और मजदूरों को सस्ता भोजन दिया जाएगा. बताया गया कि अब तक 48 कैंटीन चालू हो चुकी हैं, जबकि 50 और कैंटीन जल्द ही खोली जाएंगी.
राज्य की मंडियों में अपनी उपज बिक्री और काम के लिए पहुंचने वाले किसानों और मजदूरों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा सरकार कैंटीन चला रही है. हरियाणा राज्य आजीविका मिशन के तहत कुछ कैंटीन महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए संचालित की जा रही हैं. इन कैंटीन में 10 रुपये में दी जाने वाली थाली में सब्जी, दाल, चावल और 4 रोटी दी जाती है.
राज्य की मंडियों में अपनी उपज बिक्री और काम के लिए पहुंचने वाले किसानों और मजदूरों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा सरकार कैंटीन चला रही है. हरियाणा राज्य आजीविका मिशन के तहत कुछ कैंटीन महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए संचालित की जा रही हैं. इन कैंटीन में 10 रुपये में दी जाने वाली थाली में सब्जी, दाल, चावल और 4 रोटी दी जाती है. बता दें कि अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना के तहत दिसंबर 2019 में पहली कैंटीन करनाल में शुरू की गई थी.
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