हरियाणा के चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि किसान भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाराज थे, लेकिन कांग्रेस पर उनका भरोसा नहीं था. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कांग्रेस किसानों को कैसे दिला पाएगी, उन्हें विश्वास दिलाने में भी असफल रही. इसके विपरीत, बीजेपी ने किसानों की नाराजगी को कम करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया. बीजेपी ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि वे किसानों की वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर हैं. इसका परिणाम यह हुआ कि किसानों की बीजेपी के प्रति नाराजगी कम हुई और अधिक संख्या में किसानों ने बीजेपी का समर्थन किया, जो चुनाव परिणामों में बीजेपी की जीत का एक अहम कारण बना.
बीजेपी ने संसद से लेकर चुनावी रैलियों तक किसानों की फसलों के लिए उचित मूल्य न मिलने का ठीकरा पिछली कांग्रेस सरकारों पर फोड़ा. उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से किसानों के हित में केंद्र और मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को प्रस्तुत किया. एमएसपी पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने संसद में स्पष्ट सबूत पेश किए कि यूपीए सरकार किसानों की फसलों की एमएसपी पर खरीदारी के खिलाफ थी. इस तुलना में सामान्य किसानों को बीजेपी की तरफ मोड़ने में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सफलता प्राप्त की है.
इस साल अगस्त माह में नायब सिंह सैनी ने एमएसपी गारंटी कानून का विरोध नहीं किया बल्कि बीजेपी ने किसानों को यह समझाने में सफलता प्राप्त की कि सभी फसलों की एमएसपी न मिलने का कारण पिछली कांग्रेस सरकारें थीं. इसके साथ ही, हरियाणा सरकार ने 14 फसलों की बजाय 10 नई फसलें, यानी कुल 24 फसलें, एमएसपी पर खरीदने का निर्णय लिया. इससे किसानों का भरोसा बढ़ा कि नायब सिंह सैनी सरकार किसानों के मुद्दों के प्रति गंभीर है. हरियाणा चुनाव प्रचार में, कांग्रेस किसानों की ऋण माफी और एमएसपी जैसी योजनाओं पर केंद्रित रही, जबकि बीजेपी की नीतियां किसानों को सीधी नकद सहायता और कृषि सुधारों पर केंद्रित थीं.
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बीजेपी सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत की जाने वाली खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बीजेपी ने किसानों को बताया कि एमएसपी के दायरे को बढ़ाते हुए कई फसलों के लिए नई एमएसपी दरों की घोषणा की है. कांग्रेस मुख्य रूप से गेहूं और चावल जैसी फसलों पर केंद्रित रही, जबकि बीजेपी सरकार ने दलहन, तिलहन और अन्य फसलों को भी शामिल किया. बीजेपी ने न केवल अधिक फसलों के लिए एमएसपी लागू किया, बल्कि दरों में भी वृद्धि की और इसे किसानों तक पहुंचाने में सफल रही.
किसानों को बीजेपी ने समझया कि बीजेपी सरकार ने एमएसपी के तहत फसल खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए हैं. "ई-नाम" जैसी पहल से किसानों को एक डिजिटल मंच प्रदान किया गया है जिससे उन्हें अपनी उपज को बेहतर कीमतों पर बेचने का अवसर मिला है. इसके अलावा, किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान की व्यवस्था से भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका को कम किया गया है. इस प्रकार की तकनीकी पहलें और पारदर्शी भुगतान प्रणालियां पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के समय में नहीं थीं, जिससे किसानों को कई बार बिचौलियों और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता था.
हरियाणा चुनाव में जहां कांग्रेस किसानों की ऋण माफी और एमएसपी जैसी योजनाओं पर केंद्रित रही. वहीं बीजेपी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, भावांतर योजना और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी से जुड़ी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की. इससे किसानों की नाराजगी कम हुई है. जब एमएसपी पर खरीदारी की बात आती है, तो बीजेपी सरकार ने कांग्रेस की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. फसल खरीद की प्रक्रिया में विस्तार, एमएसपी की दरों में वृद्धि और अधिक फसलों को एमएसपी के तहत शामिल करने के कारण बीजेपी सरकार को किसानों क बीच अधिक समर्थन मिला है. हालांकि, बीजेपी को लेकर किसानों में असंतोष तो था मगर बीजेपी ने किसानों को यह समझाने में सफलता प्राप्त की कि किसान आंदोलन वास्तव में किसानों के हित में नहीं है, बल्कि यह केवल बीजेपी के विरोध में और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए चलाया जा रहा है.
पार्टी ने किसानों के सामने यह तर्क रखा कि आंदोलन के पीछे राजनीतिक स्वार्थ है, जो असल में किसानों की समस्याओं के समाधान में बाधा डाल रहे हैं. बीजेपी ने यह भी जोर दिया कि उनका शासन किसानों के लिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने किसानों के हित में कई योजनाएं लागू की हैं. पार्टी ने किसानों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि आंदोलन का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है, जबकि वास्तविक मुद्दे और समस्याएं गंभीरता से उठाने की जरूरत है.
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इस प्रकार, बीजेपी ने किसानों को यह समझाने की कोशिश की कि वे राजनीतिक खेल में फंसने के बजाय अपने वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं. कांग्रेस द्वारा उठाए गए किसान मुद्दे किसानों को अच्छे लगे, क्योंकि वह सीधे ऋण माफी और एमएसपी के माध्यम से उनकी आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं. हालांकि, हरियाणा में कांग्रेस की पुरानी नीतियों के कारण किसानों को एमएसपी गारंटी पर विश्वास नहीं हुआ और कांग्रेस की राज्य सरकारें एमएसपी पर खरीदारी की गारंटी देने में असफल रहीं. आज के डिजिटल युग में किसान पहले से अधिक जागरूक हैं और उनके पास सूचनाएं और जानकारियां उपलब्ध हैं.
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