खाद्य तेल की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल, सोयाबीन-सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम बढ़ेंगे 

खाद्य तेल की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल, सोयाबीन-सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम बढ़ेंगे 

आयात में बाधाओं के चलते खपत के मुकाबले आपूर्ति गति धीमी होने से सोयाबीन और सनफ्लॉवर तेल की कीमतें बढ़ गई हैं. वहीं, भारत को पाम ऑयल देने वाले मलेशिया के तेल भंडार में गिरावट ने कीमतों पर दबाव और बढ़ा दिया है. ऐसे में खाद्य तेलों के दाम पर दबाव बढ़ गया है.

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खाद्य तेल की कीमतों में 10 फीसदी तक का उछाल, सोयाबीन-सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम बढ़ेंगे सोयाबीन-सूरजमुखी और पाम ऑयल के दाम बढ़ने की आशंका.

भारत घरेलू आपूर्ति के लिए खाद्य तेल को बड़े पैमाने पर आयात करता है. हाल के दिनों में आयात में बाधाएं आने से खपत के मुकाबले आपूर्ति गति धीमी हो गई है. इसका असर सोयाबीन और सनफ्लॉवर तेल की कीमतों पर देखने को मिल रहा है. सूरजमुखी तेल का दाम 10 फीसदी उछल गया है तो सोयाबीन तेल की कीमत में 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं, भारत को पाम ऑयल देने वाले मलेशिया के तेल भंडार में गिरावट ने कीमतों पर दबाव और बढ़ा दिया है.

तेल आयात में एक माह की देरी 

सर्दियों के मौसम में देश में सबसे अधिक खपत वाले दो खाद्य तेलों सूरजमुखी और सोयबीन तेल के शिपमेंट आने में एक महीने तक की देरी हो रही है. इसकी वजह आयात रूट लाल सागर पर यमन के हूती विद्रोहियों के हमले हैं. यूरोपीय देशों के साथ ही मिडिल ईस्ट और अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए व्यापार का प्रमुख रास्ता लाल सागर है. वहीं, यूक्रेन और रूस से भारत सूरजमुखी का तेल खरीदता है और यह तेल काला सागर वाले रूट से भारत आता है, लेकिन वर्तमान में काला सागर भीषण ठंड की वजह से जम गया है और इससे जहाजों का निकलना लगभग बंद हो गया है. ऐसे में खाद्य तेल शिपमेंट आने में देरी हो रही है. 

सूरजमुखी और सोयबीन तेल के दाम और बढ़ने की आंशका 

प्रमुख मार्गों पर जहाजों की आवाजाही प्रभावित होने से शिपमेंट समय से नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे कीमतों के बढ़ाने में मदद हो रही है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि हालात को देखते हुए खाद्य तेल की कीमतों में तुरंत गिरावट नहीं होने वाली है. शिपमेंट आने में देरी जारी रहने की आशंका जताई है. बताया गया कि सूरजमुखी तेल की कीमत 10 फीसदी बढ़ गई है, जबकि सोयबीन तेल के दाम 5 फीसदी बढ़ गए हैं. हालातों के मद्देनजर इन कीमतों में और इजाफा होने की आशंका जताई गई है. 

मलेशिया के तेल भंडार में गिरावट से कीमतों पर दबाव 

भारत में पाम तेल की खपत पूरा करने के लिए सर्वाधिक खरीद मलेशिया से की जाती है. लेकिन, मलेशिया के पाम तेल भंडार में गिरावट आई है. मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर के अंत तक स्टॉक में एक महीने में 4.64% की गिरावट आई है और यह अगस्त के बाद से सबसे निचले स्तर 2.29 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गया है. पिछले महीने कच्चे पाम तेल के भंडार में भी 13.31% की भारी गिरावट आई, जो कुल 1.55 मिलियन मीट्रिक टन थी. ऐसे में भारत आने वाले पाम ऑयल की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी का अनुमान है. 

भारत अपनी खपत का 60 फीसदी तेल खरीदता है 

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और नंबर एक वनस्पति तेल आयातक है. भारत अपनी 60% खाद्य तेल की जरूरत को विदेश से खरीद कर पूरी करता है. भारत में प्रमुख रूप से सरसों, पाम ऑयल, सोयाबीन और सनफ्लॉवर से बने खाद्य तेलों की खपत होती है. इन तेलों की सर्वाधिक खरीद इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से होती है. 

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