आरवीसी में रूपनारायण का चयनबिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना को बने हुए करीब-करीब 9 साल पूरे हो चुके हैं और इन 9 सालों के इतिहास में पहली बार यहां के विद्यार्थी का चयन भारतीय सेना के प्रतिष्ठित रिमाउंट वेटरनरी कॉर्प्स (आर.वी.सी.) में कैप्टन पद पर हुआ है. इसके बाद से विश्वविद्यालय में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. साल 2019 में वेटरनरी के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान और कुछ कर गुजरने के जुनून के साथ बिहार के रोहतास जिले से राजधानी पटना में बी.वी.एस.सी. एंड ए.एच. कोर्स के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय प्रवेश लेने वाले डॉक्टर रूपनारायण का चयन भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर हुआ है.
रोहतास जिले के बिक्रमगंज निवासी रूपनारायण कहते हैं कि उनके पिता धनंजय कुमार आईटीबीपी में सब इंस्पेक्टर हैं. वहीं माता बबीता देवी गृहिणी हैं. बचपन से ही देश सेवा करने का सपना था और पिता भारतीय सुरक्षा बल में सेवारत होने की वजह से उन्हें देश सेवा करने की प्रेरणा मिली. उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं राष्ट्र के काम आया. आने वाले समय में एनिमल साइंस और ‘वन हेल्थ’ की अवधारणा मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के बीच संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिसमें वेटरनरी साइंस का योगदान बेहद प्रभावी होगा.”
डॉ. रूपनारायण बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पहले विद्यार्थी हैं जिनका चयन भारतीय सेना में हुआ है. वे विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में वर्तमान समय में पोस्ट ग्रेजुएशन (एम.वी.एस.सी.) कर रहे हैं, जबकि बी.वी.एस.सी. एंड ए.एच. की डिग्री भी उन्होंने यहीं से प्राप्त की है. वहीं, उन्होंने वर्ष 2024 में आरबीआई द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में पूरे बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया था.
डॉ. रूपनारायण का भारतीय सेना आर.वी.सी. में कैप्टन के पद पर चयन होने के बाद पूरे विश्वविद्यालय में एक खुशी की लहर देखने को मिल रही है. वहीं उनकी उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर इंद्रजीत सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि संस्थान के लिए गौरव का विषय है और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी है. साथ ही महाविद्यालय के डीन डॉ. जे. के. प्रसाद ने भी डॉ. रूपनारायण को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
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