शहद की बढ़ती खपत और मांग को देखते हुए मधुमक्खी पालन फायदे का धंधा बन रहा है. अगर मधुमक्खियों की सही प्रजातियों का पालन किया जाए तो कम लागत में अधिक कमाई की जा सकती है. हालांकि, मधुमक्खी पालन को करियर बनाने के लिए ट्रेनिंग बहुत जरूरी है. कीट विशेषज्ञ और कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मीना ठाकुर ने बताया कि मधुमक्खी पालन से अधिक कमाई के लिए एपिस मेलिफेरा प्रजाति की मधुमक्खी का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 1 लाख की लागत लगाकर आसानी से 3 लाख रुपये की कमाई की जा सकती है.
वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (YS Parmar University of Horticulture & Forestry) के कीट विज्ञान विभाग में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मीना ठाकुर ने 'किसान तक' को बताया कि युवाओं के बीच बीते कुछ वर्षों में स्वरोजगार के रूप में मधुमक्खी पालन बढ़िया विकल्प बनकर उभरा है. जबकि, ग्रामीण क्षेत्र के कम भूमि वाले लोग, किसान और युवा मधुमक्खी पालन में बेहतरीन करियर भी बना सकते हैं.
डॉक्टर मीना ठाकुर ने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए सबसे जरूरी बात सही प्रजाति की मधुमक्खी का चुनाव करना. उन्होंने कहा कि एपिस मेलिफेरा मधुमक्खी का पालन करना ज्यादा मुनाफे का सौदा होता है. क्योंकि, इसके बॉक्स से जल्दी और ज्यादा शहद बनता है. अच्छी कमाई के लिए मधुमक्खी पालन की बारीकियां जानना जरूरी है और इसके लिए सर्टिफिकेशन कोर्स और ट्रेनिंग ली जा सकती है. कई कृषि विश्वविद्यालय मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग देते हैं. मधुमक्खी पालन के लिए मौसम के हिसाब से उन्हें प्रबंधित करना होता है. यानी फीडिंग से लेकर प्रजनन और शहद बनाने की प्रक्रिया को समझना होता है. जबकि, मधुमक्खियों को कीट-पतंगों या बीमारी से बचाने की जानकारी भी होनी चाहिए.
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