गलत खानपान के चलते कई बीमारियां अब महामारी का रूप लेती जा रही है. इन बीमारियों में गठिया भी का तेजी से फैलाव होने लगा है. गठिया रोग का एक बड़ा कारण मोटापा को माना जा रहा है. व्यस्त होती दिनचर्या और फास्ट फूड का जीवन का हिस्सा बनने के चलते कई गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही है गठिया भी इनमे से एक है. 12 अक्टूबर को पूरे देश विश्व गठिया दिवस मनाया गया गया. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी तेजी से बढ़ रहे गठिया रोगियों के लिए आयुर्वेद से इलाज से लाभ मिल रहा है. गठिया के रोगियों को आयुर्वेद के वरिष्ठ चिकित्सक अपने दिनचर्या और खान-पान में बदलाव करके ठीक करने का सलाह भी दे रहे हैं. राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के गठिया रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव रस्तोगी ने बताया कि इस बीमारी को हम अपने खान-पान और व्यायाम से काफी हद तक रोक सकते हैं.
गठिया जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द के साथ-साथ कई तरह की समस्याएं भी होती है. विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस मौके पर लखनऊ में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर संजीव रस्तोगी ने किसान तक को बताया कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को ठंडा पानी ,दही, चावल, केला खाने से बचना चाहिए. इस तरह के खाद्य पदार्थ जोड़ों के दर्द और सूजन को बढ़ा देते हैं. ऐसे में रोगी अपने खान-पान को नियंत्रित करके गठिया जैसी बीमारियों से बच सकते हैं.
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गलत लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की नई बीमारियों का तेजी से प्रसार हो रहा है जिनमें गठिया भी शामिल है. इस बीमारी में जोड़ों का घिसाव होने लगता है. जोड़ों की हड्डियों को किनारे से कवर करने वाले टिशूज कमजोर होने लगते हैं जिससे बीमार व्यक्ति को दर्द की समस्या होती है. इस तरह की बीमारी के लिए रोज की दिनचर्या में बदलाव करना जरूरी है.
गठिया जैसी बीमारी पौष्टिक आहार के माध्यम से काफी हद तक लाभ मिलता है. डॉ संजीव रस्तोगी ने बताया गलत खानपान, फास्ट फूड का बढ़ते इस्तेमाल की वजह से शरीर में उस यूरिक एसिड का स्तर बढ़ रहा है. वही नियमित योगाभ्यास और व्यायाम के माध्यम से बचाव हो सकता है. उन्होंने बताया कि पौष्टिक आहार लेने से गठिया ही नहीं कई तरह की बीमारियों में लाभ मिलता है. गठिया में ओमेगा 3,कैल्शियम, विटामिन डी से रिच फूड का सेवन करना चाहिए. मोटे अनाज के सेवन भी इस बीमारी में लाभ होता है.
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