
बदलते समय के साथ तकनीक का उपयोग खेती से लेकर लोगों के आम जीवन में तेजी से हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग खेती में तेजी से बढ़ा है. वहीं, सोमवार को बिहार कृषि विभाग की ओर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ाते हुए उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित कृषि रेडियो प्रसार प्रणाली की शुरुआत की गई. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देते हुए आज इस क्रांतिकारी पहल का शुभारंभ किया गया है.
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि और कृत्रिम बुद्धिमत्ता मिलकर कृषि तकनीक में नई क्रांति ला सकते हैं. इस तकनीक के उपयोग से जहां किसानों की आय बढ़ेगी. वहीं जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग सुनिश्चित किया है. इसी कड़ी में "बिहार कृषि रेडियो" नामक डिजिटल रेडियो सेवा की शुरुआत की गई है.
विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि एआई कृषि रेडियो ऐप को किसान प्ले-स्टोर और ऐप-स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. यह एप्लिकेशन किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को समय पर सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना है. इसमें मौसम पूर्वानुमान, फसल रोग प्रबंधन, कृषि योजनाओं, बाजार भाव और मंडी की स्थिति जैसी महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी. इस प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित विश्लेषण शामिल है, जो मौसम, मिट्टी और बाजार से जुड़े डेटा का अध्ययन कर किसानों को त्वरित जानकारी प्रदान करेगा. यह रेडियो सेवा क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी, ताकि किसान इसे आसानी से समझ सकें.
कृषि मंत्री सिन्हा ने कहा कि यह ऐप किसानों के लिए 24×7 उपलब्ध रहेगी और इंटरैक्टिव सुविधा भी प्रदान करेगी, जिसके माध्यम से वे अपने सवालों के उत्तर सीधे एआई प्रणाली से प्राप्त कर सकेंगे. इस रेडियो सेवा से किसानों को अनेक लाभ मिलेंगे. इसके जरिए फसलों में लगने वाले कीट और रोग प्रबंधन की त्वरित सलाह दी जाएगी. इसके साथ ही बाजार भाव की अद्यतन जानकारी भी किसानों को आसानी से मिल जाएगी. साथ ही सरकारी योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी भी किसानों को समय-समय पर उपलब्ध कराई जाएगी.
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