
कृषि क्षेत्र तेजी से ग्रोथ कर रहा है और इसमें बेहतरीन करियर के मौके भी बन रहे हैं. बदलते परिवेश और क्लाइमेट चेंज के साथ ही अनियमित मौसम स्थितियों ने खेती में होने वाले खर्च को मैनेज करने वाले प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ा दी है. वर्तमान में ऐसे स्किल्ड युवाओं की जरूरत ऑर्गनिक फार्मिंग और नेचुरल फार्मिंग में तेजी से बढ़ी है. स्किल्ड युवाओं की कमी को पूरा करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू (IGNOU) ने युवाओं को एग्रीकल्चर कॉस्ट मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लेने के लिए आवेदन मांगे हैं.
केंद्र सरकार उपज बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दे रही है और इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. ऐसे में खेती की लागत घटाना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इसी पर किसान की आय बढ़ोत्तरी का नजरिया भी टिका हुआ है. ऐसे में कृषक समुदाय को लागत प्रबंधन और अधिकतम लाभ के दो पहलुओं पर जागरूक किया जा रहा है. किसानों की मदद के लिए निजी और सरकारी क्षेत्र में लागत प्रबंधन में स्किल्ड युवाओं की जरूरत बढ़ रही है.
कृषि की लागत घटाने के लिए इस सेक्टर की बुनियादी और छोटी-छोटी दिक्कतों को समझने और उन्हें सुलझाने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय यानी इग्नू (IGNOU) ने आईसीएमएआई के साथ मिलकर कृषि लागत प्रबंधन में डिप्लोमा (Diploma in Agricultural Cost Management) कोर्स तैयार किया है. ओपेन एंड डिस्टैंस लर्निंग के तहत इच्छुक युवाओं से दाखिले के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इस कोर्स में संसाधन उपयोग, कृषि लागत प्रबंधन, वैल्यू चेन सप्लाई वैल्यू चेन प्रबंधन के प्रति ज्ञान, कौशल और उद्यमशीलता क्षमताओं में दक्षता शामिल है.
कृषि लागत प्रबंधन में डिप्लोमा (Diploma in Agricultural Cost Management) कोर्स का उद्देश्य युवाों को कृषि लागतों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करना है. इसके अलावा कृषि उत्पादन, खेती, पशुधन पालन, वित्तीय नियोजन, संसाधन आवंटन, मार्केटिंग और रिस्क मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं की जानकारी में दक्षता दिलाना है. यह पाठ्यक्रम शहरी और ग्रामीण युवाओं, छोटे और मध्यम उद्यमियों, किसानों के संगठनों, गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारियों और प्रशिक्षकों और प्रगतिशील किसानों को टारगेट करते हुए तैयार किया गया है.
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