मोटे अनाज की धूम
पूरी दुनिया की नजरें बीते दिनों हमारे देश की राजधानी दिल्ली पर थीं. यहां हुआ था G-20 समिट का आयोजन. इस समिट में पहुंचे थे दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष. इन सभी खास मेहमानों के लिए लंच और डिनर की जो व्यवस्था की गई उसमें सारी महफिल लूटने का काम किया मोटे अनाजों ने. मोटे अनाज से बनी तरह-तरह की डिशेज इस आयोजन के दौरान परोसी गईं. अगर आप अब तक इन मोटे अनाजों के नाम और खासियत से अनजान हैं तो यहां पढ़ें पूरी डिटेल
1. Pearl Millet (बाजरा)
भारत में सबसे ज्यादा जिस मोटे अनाज की खेती होती है वो है बाजरा. इसे उगाने के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. ऐसे में इसकी खेती सबसे ज्यादा राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में होती है. इसमें आयरन, कैल्शियम और जरूर एमिनो एसिड्स की प्रचुर मात्रा होती है. बाजरे से रोटी, हलवा, खीर और कुछ पेय पदार्थ भी बनाए जाते हैं.
2.Finger Millet (रागी या मडुआ)
इसे हिंदी में या प्रचलित रूप से रागी कहा जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में होती है. इसमें कैल्शियम, फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है. रागी से डोसा, इडली, हलवा और खीर जैसी कई डिश बनाई जाती हैं.
3.Foxtail Millet (कंगनी)
कंगनी की खेती सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में होती है. इसमें 8% फाइबर और 12% प्रोटीन होता है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, मैगनीज, फॉस्फोरस औऱ विटामिन की भी प्रचुर मात्रा होती है. कंगनी डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अच्छा भोजन है. इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है.
4. Kodo Millet (कोदो)
कोदो की खेती सबसे ज्यादा उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ में होती है. इसमें प्रोटीन और एंटीऑक्सिडेंट्स की प्रचुर मात्रा होती है. खून साफ करने के अलावा एनीमिया, कब्ज और अच्छी नींद के लिए बेहतरीन अनाज है. इसमें भी विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसे पाचन के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है.
5. Little Millet (कुटकी)
कुटकी की खेती भी कर्नाटक, तमिननाडु, आंध्र प्रदेश औऱ महाराष्ट्र में होती है. यह आयरन, कैल्शियम और फाइबर का अच्छा स्रोत है. यह PCOD और बांझपन की समस्या से छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता है. पुरुष व महिला दोनों में प्रजनन संबंधी समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है.
6. Barnyard Millet (सांवा)
सांवा सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में उगाया जाता है. यह फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस का अच्छा स्रोत है. डायबिटीज और कब्ज से छुटकारा दिलाने में यह मोटा अनाज बहुत मदद करता है. इसकी खिचड़ी, खीर और उपमा बनाया जाता है.
7. Browntop Millet (मक्र)
मक्र को कर्नाटक में कोराले कहा जाता है. इसकी खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में होती है. प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स की इसमें प्रचुर मात्रा होती है. ये अंडाशय, पेट, गठिया, बीपी, थॉयराइड, आंखों की समस्याओं और मोटापे के समाधान के लिए उपयोगी है. इससे डोसा, उपमा और इडली बनाए जाते हैं.
8. Sorghum Millet (ज्वार)
राजस्थान और पंजाब में ज्वार सबसे ज्यादा बोया जाता है. मध्य प्रदेश और यूपी में भी कुछ जगहों पर इसकी खेती की जाने लगी है. ज्वार में मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा होती है जो हड्डियों की मजबूती में बहुत मदद करती है.
9. Proso Millet (चेना)
चेना मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में उगाया जाता है. इसमें प्रोटीन, B-विटामिन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसकी रोटी और हलवा के अलावा इससे सूप और सलाद भी बनाया जाता है.
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