खाद की कालाबाजारी पर एफआईआर और सीधी प्रशासनिक कार्रवाई का प्रावधानयोगी सरकार ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई करते हुए साफ संदेश दिया है कि खेती और किसान हितों से जुड़ा अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद माफिया के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) जैसी कठोर कार्रवाई की जा रही है. सरकार का मानना है कि उर्वरकों की कालाबाजारी केवल आपूर्ति या प्रशासनिक लापरवाही का मामला नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर खाद्य सुरक्षा, किसान की आजीविका और प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा गंभीर अपराध है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग किसानों को संकट में डालकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं, वे केवल कानून नहीं तोड़ रहे, बल्कि देश और प्रदेश की खाद्य सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे तत्वों को ‘सामान्य अपराधी’ मानकर नहीं छोड़ा जाएगा. जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ एनएसए जैसी कठोर धाराएं लगाई जाएंगी, ताकि वे लंबे समय तक समाज के लिए खतरा न बन सकें.
योगी सरकार ने खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और ओवररेटिंग की शिकायतों पर त्वरित एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अब केवल नोटिस या चेतावनी देकर मामले को ठंडे बस्ते में नहीं डाला जाएगा. जिला प्रशासन को अधिकार दिया गया है कि वह मौके पर ही सख्त कार्रवाई करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान को खाद के लिए दर-दर भटकना पड़े, यह सरकार के लिए स्वीकार्य नहीं है. अगर कहीं भी कालाबाजारी की सूचना मिलती है, तो संबंधित अधिकारी सीधे हस्तक्षेप करेंगे और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
योगी सरकार ने खाद की आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरप्राइज इंस्पेक्शन का तंत्र मजबूत किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब केवल दुकानदार ही नहीं, बल्कि निगरानी में लापरवाही बरतने वाले अफसर भी जवाबदेह होंगे. औचक निरीक्षण के दौरान स्टॉक, बिक्री रजिस्टर, दर सूची और वितरण प्रक्रिया की गहन जांच की जा रही है. यदि किसी स्तर पर मिलीभगत या आंख मूंदने की शिकायत सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई तय है. वहीं प्रदेश के सभी जिलों में डेली स्टॉक रिपोर्टिंग सिस्टम लागू किया है.
इसके तहत हर खाद दुकान और गोदाम को रोजाना उपलब्ध स्टॉक, बिक्री और शेष मात्रा की जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि किसी भी जिले या ब्लॉक में संभावित कमी का पहले ही आकलन किया जा सकेगा. ऐसे में तकनीक का इस्तेमाल कर खाद माफिया की हर चाल पर नजर रखी जा रही है और समय रहते कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश भर में 5,000 से ज्यादा खाद दुकानों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान अनियमितता पाए जाने पर सैकड़ों दुकानों के लाइसेंस निलंबित और रद्द किए गए. कई मामलों में भारी जुर्माना भी लगाया गया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह अभियान केवल आंकड़ों तक सीमित न रहे, बल्कि इसका असर जमीनी स्तर पर किसानों को दिखना चाहिए. रबी सीजन 2025-26 के लिए प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यूरिया, डीएपी और एनपीके की कुल उपलब्धता 130 लाख मीट्रिक टन से अधिक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, तो कालाबाजारी का कोई औचित्य नहीं बनता. अगर फिर भी कहीं कृत्रिम संकट पैदा किया जाता है, तो यह साफ तौर पर आपराधिक साजिश मानी जाएगी.
सीएम योगी ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की कालाबाजारी, ओवररेटिंग या जबरन टैगिंग की शिकायत तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं. सरकार उनके साथ खड़ी है और हर शिकायत पर कार्रवाई होगी. वहीं, खाद माफिया को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अब कानून का डंडा और भी सख्त होगा. खेती के साथ खिलवाड़ करने वालों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है.
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