
रबी सीजन की बुवाई के बीच किसानों को खाद के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को लखनऊ स्थित विधान भवन में कार्यालय में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और पीसीएफ के साथ बैठक करके निर्देश दिए. इस दौरान कृषि मंत्री शाही ने केंद्रीय रेल मंत्री अवश्वनी वैष्णय से फोन पर बात करके खाद की सप्लाई पूरी नहीं होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में रबी फसलों की बुवाई के दृष्टिगत प्रदेश हेतु आने वाली उर्वरक रैक को प्राथमिकता दिया जाए.
मंत्री द्वारा निर्देश दिय गये कि समस्त उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्थाएं, उत्तर प्रदेश के राज्य विपणन प्रबन्धकों को निर्देशित किया गया कि माह नवंबर, 2024 हेतु भारत सरकार द्वारा प्राप्त फॉस्फेटिक उर्वरक आवंटन के सापेक्ष शतप्रतिशत आपूर्ति किया जाए. उपस्थित उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्थाएं, उत्तर प्रदेश के राज्य विपणन प्रबन्धकों के द्वारा अवगत कराया गया है कि पोर्ट/प्लान्ट से प्रदेश हेतु डिस्पैच की गयी उर्वरक रैक को पहुंचने में अधिक समय लग रहा है तथा पारादीप पोर्ट पर उर्वरक की उपलब्धता है, परंतु रैक न मिलने के कारण उपलब्ध स्टाक उत्तर प्रदेश हेतु डिस्पैच करने में कठिनाई हो रही है.
इसके साथ कृषि मंत्री ने रजत कुमार मिश्रा, सचिव, उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार एवं देवेश चतुर्वेदी, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र वाले जनपदों में काण्डला पोर्ट से तथा जिन जनपद में कृषकों के द्वारा फसलों की बुवाई तेजी से की जा रही है.
इसके दृष्टिगत कम उपलब्धता वाले जनपदों की प्रेषित सूची के अनुसार प्राथमिकता पर उन्ही जनपदों में उर्वरकों की आपूर्ति किये जाने के सम्बन्ध में फोन पर वार्ता कर आवश्यक कार्यवाही के लिए कहा.
शाही ने कहा कि प्रमुख सचिव, सहकारिता से अपेक्षा किया गया कि इफको एवं कृभको के साथ अन्य निजी क्षेत्र के कंपनियों भी कम से कम 30 प्रतिशत उर्वरकों की आपूर्ति पैक्स के माध्यम से की जाए. इस हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराये. जनपदों में उर्वरक वितरण व्यवस्था हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी आवश्यकतानुसार राजस्व विभाग के अधिकारी,कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हुए कृषकों की आवश्यकतानुसार उर्वरकों का वितरण कराया जाये.
कृषि मंत्री शाही ने सभी जिलों में डीएपी (एन-18, पी-46) जैसे फॉस्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शाही ने कहा कि जनपद मैनपुरी, हाथरस, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मुजफ्फरनगर और आगरा के लिए रेक रास्ते में है, जिनके शीघ्र पहुंचने की संभावना है. बीते वर्ष खपत को ध्यान में रखते हुए जिन जनपदों में उर्वरकों की कमी है, उन जनपदों के लिए विशेष रूप से प्राथमिकता पर आ रहे उर्वकर को रेक प्वाइंट से सीधे पास के जनपदों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अफसरों को फील्ड में जाकर उर्वरक वितरण सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए के लिए कहा है. कालाबाजारी, ओवर रेटिंग और कोई भी क्रेता अपनी जोत/कृषि भूमि में बोई जाने वाली फसल से अधिक मात्रा में उर्वरकों की खरीद न करें. इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा, सहकारी क्षेत्र में जहां उर्वरकों की कमी होने की संभावना हो, वहां पर संबिधित गोदामों से तत्काल आवश्यकता के अनुसार उर्वरक लेकर किसानों को विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाए.
जिस क्षेत्र में, जिस समय फसलों की बुवाई का काम किसानों के द्वारा किया जा रहा हो, वहां पर भी प्राथमिकता के आधार पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में 2.00 लाख मीट्रिक टन डीएपी तथा 2.47 लाख मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक कृषकों के क्रय हेतु उपलब्ध है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि किसानों को खाद के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.
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बैठक के दौरान रविन्द्र, प्रमुख सचिव, कृषि, एमके अग्रवाल, प्रमुख सचिव, सहकारिता, अनुराग यादव, सचिव, कृषि, डॉ. जितेन्द्र कुमार तोमर, कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश, डॉ. आशुतोष कुमार मिश्र, संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक), उत्तर प्रदेश, विनोद कुमार, वरिष्ठ अधिकारी, पीसीएफ एवं समस्त उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्थाएं, उत्तर प्रदेश के राज्य विपणन प्रबन्धक उपस्थित रहे.
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