भारत में इतना क्यों बिक रहा चाइनीज लहसुन? दाम और काम में क्या है अंतर

भारत में इतना क्यों बिक रहा चाइनीज लहसुन? दाम और काम में क्या है अंतर

व्यापारियों ने बताया कि भारतीय लहसुन की किस्मों की कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि चाइनीज लहसुन 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. उन्होंने बताया कि ग्राहक चाइनीज लहसुन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह बड़ा होता है और इसे छीलना और कुचलना आसान होता है.

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भारत में इतना क्यों बिक रहा चाइनीज लहसुन? दाम और काम में क्या है अंतरदेसी बाजार में बढ़ी चीनी लहसुन की आवक (सांकेतिक तस्वीर)

भारत के मार्केट में चाइनीज लहसुन की भरमार है. जिधर देखो, उधर चाइनीज लहसुन नजर आ जाएगा. खासकर दक्षिण भारत के कई राज्यों में चाइनीज लहसुन अधिक बिक रहा है. इससे किसानों और व्यापारियों को नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि इस विदेशी लहसुन को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. विरोध के स्वर सबसे अधिक कर्नाटक में सुनाई दे रहे हैं. यहां मंगलुरु और उडुपी में किसानों और व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है.

मंगलुरु और उडुपी जिले के बड़े-छोटे शहरों में चाइनीज लहसुन की भारी मात्रा देखी जा रही है. दक्षिण कन्नड़ के शहरों में इसकी मात्रा बहुत अधिक दिखाई दे रही है जिससे वहां के किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि उनके उत्पाद से अधिक चाइनीज लहसुन की बिक्री अधिक हो रही है जिससे उनका नुकसान बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर शिवमोगा में किसानों और व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है.

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व्यापारियों की शिकायतों के बाद, उडुपी नगर आयुक्त बी रायप्पा ने एक थोक व्यापारी के यहां छापा मारा और आदि उडुपी में कृषि उपज एवं पशुधन बाजार समिति (APMC) यार्ड से पांच क्विंटल चाइनीज लहसुन जब्त किया. उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि चाइनीज लहसुन की वैधता सुनिश्चित करने के बाद ही वह उपज को बाजार में जारी करेंगे.

क्यों बिक रहा चाइनीज लहसुन? 

व्यापारियों ने बताया कि भारतीय लहसुन की किस्मों की कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि चाइनीज लहसुन 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. उन्होंने बताया कि ग्राहक चाइनीज लहसुन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह बड़ा होता है और इसे छीलना और कुचलना आसान होता है. मंगलुरु में एपीएमसी अधिकारियों के अनुसार, चाइनीज लहसुन थोक विक्रेताओं के पास मौजूद व्यापार लाइसेंस के तहत बाजार में आया है.

उन्होंने यह भी कहा कि खुदरा व्यापारियों को चीनी लहसुन का व्यापार करने के लिए विशेष व्यापार लाइसेंस की जरूरत नहीं है. 
पुराने बंदरगाह क्षेत्र के एक थोक व्यापारी मोहम्मद इशाक ने पीटीआई को बताया कि चाइनीज लहसुन भारतीय बाजार में समय-समय पर दिखाई देता है. हालांकि, उनके अनुसार, यह बाजार में लहसुन के भाव को संतुलित करता है.

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इशाक ने कहा कि चाइनीज लहसुन की आमद के कारण भारतीय लहसुन की कीमतें, जो 200-225 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही हैं, 175 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर हो जाएंगी. हाल के दिनों में लहसुन और प्याज के भावों में भारी वृद्धि देखी गई है. यही वजह है कि बाजार में चाइनीज लहसुन की आमद बढ़ गई है क्योंकि व्यापारी इस पर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं और उसकी सप्लाई भी आसान है.

 

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